राष्ट्रपति मुर्मू ने गुरुवार को पुणे के खडकवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 145वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया और मार्च करने वाले दल में शामिल महिला कैडेट के पहले बैच की भागीदारी की सराहना की. द्रौपदी मुर्मू ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए सभी महिला कैडेट को शुभकामनाएं दीं, साथ ही कहा कि आज बेटियों को अपनी पसंद का करियर चुनने के लिए संघर्ष करना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि एनडीए ‘‘नेतृत्व को संवारने वाला स्थल’’ है. उन्होंने कैडेट से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए नयी तकनीकों को सीखकर और अपनाकर आगे बढ़ने को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेनाएं देश की एकता और अखंडता की भावना को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाली किसी भी बाहरी या आंतरिक स्थिति का सामना करने में पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं.’’
पासिंग आउट परेड में लगभग 15 महिला कैडेट ने अपने पुरुष समकक्षों के साथ भाग लिया. इससे पहले एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि देश के प्रमुख त्रि-सेवा संस्थान एनडीए, खडकवासला में पिछले साल 19 महिला कैडेट का पहला बैच शामिल हुआ, जिनके सैन्य-सह-शैक्षणिक प्रशिक्षण का वर्तमान में दूसरा वर्ष है. इस संस्थान ने देश को बेहतरीन सैन्य अधिकारी दिए हैं.
अधिकारी ने कहा कि दूसरे और तीसरे वर्ष के कैडेट पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेते हैं. सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को अपना कोर्स पूरा करने वाले सभी कैडेट को बधाई दी. उन्होंने मार्च दल में शामिल महिला कैडेट को भी बधाई दी. द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि 2022 से अकादमी में महिला कैडेट का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है. आज पहली बार महिला कैडेट मार्चिंग दल का हिस्सा बनीं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज एक ऐतिहासिक दिन है और मुझे यकीन है कि महिला कैडेट एनडीए और देश का नाम नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगी.’’ द्रौपदी मुर्मू ने मित्र देशों के विदेशी कैडेट को भी उनका कोर्स पूरा होने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि एनडीए ‘‘नेतृत्व को संवारने वाला स्थल’’ है जो महान योद्धाओं को जन्म देता है. उन्होंने कहा, ‘‘इस अकादमी का देश के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण संस्थानों में एक विशेष स्थान है और इसे सशस्त्र बलों और देश के लिए एक मजबूत स्तंभ के रूप में पहचाना जाता है.’’
द्रौपदी मुर्मू ने विश्वास जताया कि एनडीए से प्राप्त प्रशिक्षण और जीवन मूल्य कैडेट को जीवन में हमेशा आगे बढ़ने में मदद करेंगे. उन्होंने कैडेट से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए नयी तकनीकों को सीखकर और अपनाकर आगे बढ़ने को कहा. द्रौपदी मुर्मूने विश्वास जताया कि वे सशस्त्र सेवाओं के उत्कृष्ट मानदंडों को आगे बढ़ाते हुए साहस और बहादुरी के साथ हर चुनौती का सामना करेंगे.
उन्होंने कहा कि शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत की सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा आवश्यक है. उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की परंपरा का पालन करते हैं और हमारी सेनाएं देश की एकता और अखंडता की भावना को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाली किसी भी बाहरी या आंतरिक स्थिति का सामना करने में पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं.’’ इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान उपस्थित थे.
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