जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आंतकी हमले को लेकर आज नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी चार्जशीट दाखिल कर सकती है. 2019 में हुए इस हमले की जांच में एनआईए ने 5000 पन्नों का चार्जशीट तैयार किया है. पुलवामा आतंकी हमला मामले में जैश-ए-मोहम्मद की साजिश, विस्फोटकों की खरीद और हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की पहचान और उनके मददगारों पर चार्जशीट तैयार की गयी है.
संभावना जतायी जा रही है कि आतंकी हमला मामले में जैश-ए-मोहम्मद के मौलाना मसूद अजहर, रऊफ अजहर और पाकिस्तान स्थित षड्यंत्रकारियों समेत 20 आतंकवादियों को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट को जम्मू स्थित एनआईए की स्पेशल कोर्ट में जमा किया जायेगा.
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18 महीने तक चलने वाली इस जांच में एनआईए ने वैज्ञानिक और डिजिटल सबूतों के आधार पर इस मामले की छानबीन की और सबूत जुटाएं हैं. जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के कॉल रिक़ॉर्ड, व्हाट्सएप चैट, फोटो और वीडियो बरामद किए हैं उसके आधार पर सबूत तैयार किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि हमले का मुख्य साजिशकर्ता उमर फारुक था. उमर फारूक 29 मार्च 2020 को आइडी एक्सपर्ट कामरान समेत मुठभेड़ में मारा गया. फारूख ने अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ किया. पुलवामा हमले के लिए फारूक ने ही कार में आइडी एसेंबल किया था.
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सूत्रों ने यह भी जानकारी दी की फारूक लगातार पाकिस्तान में अपने जैश हैंडलकर के संपर्क में था. उसके व्हाट्सएप मैसेज से इस बात का पता चला है कि वह अपने हर गतिविधि की जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था. उसने बताया था कि विस्फोटक भारत में सुरक्षित रूप से लाया जा चुका है. उसके फोन से बरामद एक वीडियो में आतंकवादियों को वास्तव में सीमा की बाड़ काटते और एक चांदनी रात में पार करते हुए दिखाया गया है.
हमले के लिए विस्फोटक कहां से आये के सवाल पर एनआईए ने कहा कि इसका जवाब चार्जशीट में लिखा हुआ है. वहीं एक अधिकारी ने कहा कि आंतकी घुसपैठ करते समय अपने बैग में बंदूक समेत बारूद छुपाकर लाये थे. पर हमले में 20 किलोग्राम आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था.
एनआईए के अनुसार, हमलावरों ने सांबा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के माध्यम से भारत में घुसपैठ की थी. आरोपियों के फोने से मिले सबूत के आलावा जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर रहे घुसपैठ करने वाले समूहों के पैरों के निशान भी पाए गए थे.
Posted By: Pawan Singh
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