Puri Stampede : ओडिशा के मुख्यमंत्री माझी ने पुरी के मंदिर में भगदड़ मामले पर कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सुरक्षा चूक की जांच होगी और दोषी पाए जाने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि पुरी मंदिर भगदड़ के लिए भगवान जगन्नाथ के भक्तों से क्षमा मांगता हूं. मामले पर बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने कहा कि ओडिशा सरकार से रथयात्रा के प्रमुख अनुष्ठानों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय लागू करने का आग्रह करते हैं. पुरी में मंदिर के पास भगदड़ ने श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण रथयात्रा सुनिश्चित करने में सरकार की घोर अक्षमता उजागर की है.
कानून मंत्री पृथ्वी राज हरिचंदन ने कहा कि ओडिशा मंदिर भगदड़ में घायल हुए लोगों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा देने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं. इस बीच अस्पताल अधिकारी ने कहा कि मंदिर में भगदड़ में घायल 50 लोगों में से छह की हालत गंभीर बनी हुई है.
श्री गुंडिचा मंदिर भगदड़ में 3 की मौत
ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार को मची भगदड़ में कम से कम तीन व्यक्तियों की मौत हो गई और करीब 50 अन्य घायल हो गए. पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन ने बताया कि यह घटना तड़के करीब चार बजे हुई, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथयात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास एकत्रित हुए थे. अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान पर घुसने के बाद अफरा-तफरी मच गई.
मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू और बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती व प्रवती दास के रूप में हुई है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
भगवान जगन्नाथ मंदिर से अपनी मौसी के घर यानी श्री गुंडिचा मंदिर जाते हैं
पुरी में रथयात्रा शुरू होने के एक दिन बाद शनिवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचे. श्री गुंडिचा मंदिर को देवताओं का मौसी का घर माना जाता है, यह मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. हर साल भगवान जगन्नाथ मंदिर से अपनी मौसी के घर यानी श्री गुंडिचा मंदिर जाते हैं. भगवान की वापसी की यात्रा को ‘बहुदा यात्रा’ के नाम से जाना जाता है जो इस साल पांच जुलाई को होगी.