Radhika Khera: राधिका खेड़ा ने रविवार को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में रामलला के दर्शन करने को लेकर उनकी आलोचना इस स्तर तक पहुंच गयी कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय में उनके साथ हुई घटना में उन्हें न्याय देने से इनकार कर दिया गया.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कमरे में कर दिया गया था बंद : खेड़ा
राधिका खेड़ा ने आरोप लगाया कि जब राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ आये थे, तब पार्टी के मीडिया अध्यक्ष ने उन्हें शराब की पेशकेश की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के 5 से 6 नेता नशे की हालत में उनका दरवाजा खटखटाते थे. उन्होंने कहा, मैंने सचिन पायलट और जयराम रमेश को इस बारे बताया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. बाद में मुझे बताया गया कि मैं पार्टी की हिंदू विरोधी विचारधारा का समर्थन नहीं करती हूं, इसलिए उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया.
"Congress started hating me after," Radhika Khera claims of being locked in room, offered alcohol during Bharat Jodo Nyay Yatra
— ANI Digital (@ani_digital) May 6, 2024
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खेड़ा ने छत्तीसगढ़ के मीडिया चेयरमैन पर दुर्व्यवहार का लगाया आरोप
राधिका खेड़ा ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया चेयरमैन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि सुशील आनंद शुक्खा ने उनसे बदतमीजी की और गाली भी दी. मैंने फोन पर रिकॉर्डिंग करने की धमकी दी, तो कमरे में पहले से मौजूद दो और लोगों ने दरवाजा बंद कर दिया. उस दौरान उन्हें गालियां दी गईं. मैं चिल्लाती रही, लेकिन उसकी एक न सुनी गई, बाद में उन्हें दरवाजा को धक्का दिया और प्रदेश महासचिव के कमरे में चली गई. उनके पास शिकायत की, लेकिन वो अपनी सीट से उठे तक नहीं और न ही उन्होंने पूछा कि उनके साथ क्या हुआ.
भूपेश बघेल ने मुझे छत्तीसगढ़ छोड़ने की सलाह दी
राधिका खेड़ा ने बताया, उनके साथ जो दुर्व्यवहार हुई थी, उसके बारे में उन्होंने फोन पर जयराम रमेश और सचिन पायलट से बात करने की कोशिश की, तो उन्हें बात नहीं कराया गया. पायलट के पीए ने कह दिया कि वो व्यस्त हैं. जब भूपेश बघेल के पास इसकी शिकायत की, तो उन्होंने छत्तीसगढ़ छोड़ने की सलाह दे डाली. खेड़ा ने यह भी दावा किया कि पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को कई बार सूचित करने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला.
राम मंदिर जाने पर मुझे प्रताड़ित किया गया
राधिका खेड़ा ने यह भी कहा कि धर्म का समर्थन करने वालों को हमेशा विरोध का सामना करना पड़ा है और इसी के साथ ही उन्होंने हिरण्यकश्यप, रावण और कंस का उदाहरण देते हुए कहा कि इनकी तरह ही कुछ लोग भगवान श्री राम का नाम लेने वालों का विरोध करते हैं. खेड़ा ने कहा, हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली बहुत मायने रखती है. रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है, वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए, जहां एनएसयूआई से लेकर एआईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि अयोध्या में राम लला के दर्शन से खुद को रोक नहीं पाई. उन्होंने कहा, मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया.
पवन खेड़ा और सुशील आनंद शुक्ला के बीच हुई थी बहस
पार्टी सूत्रों ने बताया कि 30 अप्रैल को रायपुर में पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा के दौरे को लेकर खेड़ा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रकेष्ठ के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला के बीच बहस हुई थी. बाद में खेड़ा का एक वीडियो भी सार्वजनिक हुआ था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके साथ अभद्र बर्ताव किया गया.
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