‘बंटवारा देश को कमजोर करता है’ अमेरिकी एक्सपर्ट से बातचीत में बोले राहुल गांधी

rahul gandhi, congresss, american diplomat : कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना और लॉकडाउन क्राइसिस के मद्देनजर स्पीक पीपुल्स अभियान के तहत आज अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स से बातचीत कर रहे हैं. दोनों नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर रहे हैं. राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स ने अमेरिका में आंदोलन, चीन और रूस सहित कोरोना संकट के बारे में जानकारी लिया. राहुल ने बातचीत के दौरान कहा कि बंटवारा या विभेद देश को कमजोर बनाता है.

By AvinishKumar Mishra | June 12, 2020 10:59 AM
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नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना और लॉकडाउन क्राइसिस के मद्देनजर स्पीक पीपुल्स अभियान के तहत आज अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स से बातचीत कर रहे हैं. दोनों नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर रहे हैं. राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत रहे निकोलस बर्न्स ने अमेरिका में आंदोलन, चीन और रूस सहित कोरोना संकट के बारे में जानकारी लिया. राहुल ने बातचीत के दौरान कहा कि बंटवारा या विभेद देश को कमजोर बनाता है.

लाइव प्रसारण में बातचीत के दौरान राहुल ने कहा हम खुले विचारों वाले हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि वो अब गायब हो रहा है. यह काफी दुःखद है कि मैं उस स्तर की सहिष्णुता को नहीं देखता, जो मैं पहले देखता था. ये दोनों ही देशों में नहीं दिख रही. यह वीडियो कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव प्रसारित किया जा रहा है.

राहुल ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि हम एक जैसे इसलिए हैं, क्योंकि हम सहिष्णु हैं. हम बहुत सहिष्णु राष्ट्र हैं. हमारा डीएनए सहनशील माना जाता है. हम नए विचारों को स्वीकार करने वाले हैं.’

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राहुलअमेरिका और भारत में समानता- दोनों के बीच बातचीत के दौरान अमेरिकी राजदूत रहे निकोलस बर्न्स ने कहा कि कई मायनों में भारत और अमेरिका एक जैसे हैं. हम दोनों ब्रिटिश उपनिवेश के शिकार हुए, हम दोनों ने अलग-अलग शताब्दियों में उस साम्राज्य से खुद को मुक्त कर लिया.

अमेरिका में अश्वेत आंदोलन पर बर्न्स ने कहा, ‘अमेरिका में इस तरह की दिक्कतें हैं, अफ्रीकी-अमेरिकियों के साथ लंबे वक्त से ऐसा होता रहा है. अमेरिका में मार्टन लूथर किंग ने बड़ा काम किया है, उनके आदर्श महात्मा गांधी थे. अमेरिका ने बराक ओबामा जैसे नेता को राष्ट्रपति चुना, लेकिन आज क्या देखने को मिल रहा है. किसी का भी हक है, प्रदर्शन करना, लेकिन अमेरिका में राष्ट्रपति ब्लैक लोगों को आतंकवादी समझते हैं.’

Posted By : Avinish Kumar Mishra

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