वहां के कोच ने बातचीत के क्रम में बताया कि उन्हें मालूम ही नहीं था कि राहुल गांधी वहां आने वाले है. वे लोग वहां प्रैक्टिस कर रहे थे तभी अचानक उन्होंने देखा कि बजरंग पुनिया के साथ राहुल गांधी वहां पहुंचे. बता दें कि यह गांव पहलवान दीपक पुनिया का है. बता दें कि दीपक और बजरंग पूनिया ने इसी वीरेंद्र अखाड़े से अपनी कुश्ती शुरू की थी. इस दौरान राहुल ने पहलवानों के अखाड़े में पहुंचकर उनकी कसरतों और उनके करियर में हो रही समस्याओं के बारे में जाना. राहुल के इस दौरे में उनके साथ बजरंग पूनिया भी दिखाई दिए, जोकि कुश्ती संघ के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के मुख्य चेहरों में शामिल हैं. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि राहुल के साथ पहलवानों की बात सुनी.
दो बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने मंगलवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटाने का फैसला किया और कहा कि जब पहलवान न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो ऐसे सम्मान निरर्थक हो गए हैं. फोगाट का यह फैसला ओलंपिक पदक विजेता पुनिया और खिलाड़ी वीरेंद्र सिंह यादव द्वारा अपने पद्म श्री पुरस्कार लौटाने और रियो खेलों की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक द्वारा 21 दिसंबर को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुने जाने के बाद खेल से संन्यास लेने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है.
संजय सिंह, बृजभूषण सिंह शरण के करीबी सहयोगी बताए जाते हैं और पहलवान नहीं चाहते थे कि भाजपा सांसद का कोई करीबी डब्ल्यूएफआई में पदाधिकारी बने. फोगाट, पुनिया और मलिक ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. खिलाड़ियों ने बृजभूषण के खिलाफ इस साल की शुरुआत में जंतर-मंतर पर कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था.