Railway: देश में मानव तस्करी के खिलाफ सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. इस काम में रेलवे सुरक्षा बल भी अहम योगदान दे रहा है. रेलवे सुरक्षा बल-आरपीएफ ने बाल सुरक्षा और मानव तस्कर विरोधी प्रयासों के प्रति अडिग प्रतिबद्धता दर्शाते हुए त्वरित और समन्वित अभियान चलाकर हाल ही में बिहार के रक्सौल रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी के प्रयास विफल करते हुए चार नाबालिग लड़कियों को बचाने में सफलता हासिल की.
रक्सौल पोस्ट पर रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) ने एक सूचना के आधार पर रक्सौल राजकीय रेलवे पुलिस(जीआरपी), सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) मानव तस्करी विरोधी इकाई, रेलवे चाइल्डलाइन रक्सौल और गैर-सरकारी संगठन प्रयास किशोर सहायता केंद्र के साथ मिलकर ट्रेन नंबर 15273 रक्सौल-आनंद विहार सत्याग्रह एक्सप्रेस रेलगाड़ी से 13 से 17 वर्ष आयु की चार लड़कियों को मानव तस्करों से बचाने का काम किया.
प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन नाबालिग लड़कियों को नौकरी के झूठे वादे और गोरखपुर में एक लापता रिश्तेदार को खोजने की मदद का झांसा देकर नेपाल से तस्करी कर लाया जा रहा था. इन बच्चियों के परिवारों को उनकी यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. तस्करों द्वारा खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों से कमजोर और असुरक्षित लोगों को बरगलाने और उनके शोषण का काम एक नेटवर्क के जरिये किया जा रहा था.
मानव तस्करी समाज के लिए गंभीर समस्या
एजेंसियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के कारण लड़कियों के साथ मौजूद तस्कर को मौके पर ही गिरफ्तार कर नाबालिग किशोरियों को बाल संरक्षण अधिकारियों को सौंप दिया गया. अपराधियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), किशोर न्याय (बाल देखभाल और संरक्षण) अधिनियम और बाल एवं किशोर श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के तहत जीआरपी रक्सौल में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी. इस बारे में जानकारी देते हुए रेलवे सुरक्षा बल महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है और यह बताता है कि मानव तस्करी हमारे समाज के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. विभिन्न एजेंसियां इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही है.
असामान्य गतिविधियों की सूचना रेलवे हेल्पलाइन को दें
भारतीय रेलवे की ओर से सभी यात्री से सतर्कता बरतने का आग्रह किया और कहा कि उनकी सतर्कता किसी का जीवन बचा सकती है. लोगों को कुछ भी असामान्य या संदिग्ध लगने या देखने पर तुरंत इसकी सूचना रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर देनी चाहिए. मानव तस्करों से किशोरियों को बचाने का यह सफल अभियान एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग अभियान आहट का हिस्सा है, जो रेलवे नेटवर्क में मानव तस्करी का सामना करने का आरपीएफ का प्रमुख अभियान है. राष्ट्रव्यापी अभियान के तौर पर आरंभ किए गए ऑपरेशन आहट के तहत वर्ष 2024-25 में 874 बच्चों (50 लड़कियों और 824 किशोरों) सहित 929 पीड़ितों को बचाया गया और 274 तस्करों को गिरफ्तार किया गया. प्रयासों को और तेज करने के लिए भारतीय रेलवे ने अपने समूचे परिचालन तंत्र में मानव तस्करी निरोधी समर्पित इकाइयां स्थापित की है.
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