Rare earth magnet crisis : चीन, जो रेयर अर्थ मैग्नेट्स का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, उसने हाल में इन मिनरल्स के निर्यात पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. इससे भारत सहित पूरी दुनिया में ईवी वाहनों के निर्माण और बिक्री पर असर पड़ सकता है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने भी कहा है कि रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई में बाधाएं आने से भविष्य में वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग पर असर पड़ सकता है.
क्या है रेयर अर्थ मैग्नेट्स
रेयर अर्थ मैग्नेट्स (दुर्लभ मृदा चुंबक) एक प्रकार के शक्तिशाली स्थायी मैग्नेट हैं, जो आवर्त सारणी में स्थित लैंथेनाइड श्रृंखला के 17 दुर्लभ पृथ्वी तत्वों में से किसी एक से बना होता है. दो सबसे सामान्य रेयर अर्थ मैग्नेट हैं – नियोडिमियम और समेरियम कोबाल्ट. इन्हें ‘रेयर अर्थ’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि ये बड़े, सघन भंडारों में नहीं पाये जाते, बल्कि अन्य तत्वों के साथ मिश्रित अवस्था में मिलते हैं. यही कारण है कि इनका खनन आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण होता है. नतीजतन, दुनिया की अधिकांश रेयर अर्थ तत्वों की आपूर्ति केवल कुछ ही स्रोतों से होती है.
ई वाहनों के लिए है जरूरी
रेयर अर्थ मैग्नेट स्थायी मैग्नेट सिंक्रोनस मोटर (पीएमएसएम) का बेहद जरूरी पार्ट है. इसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों में उनके हाई टॉर्क, ऊर्जा दक्षता और कॉम्पैक्ट आकार के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. हाइब्रिड वाहनों में भी कुशल प्रोपल्शन के लिए इसका इस्तेमाल होता है और इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग और अन्य मोटराइज्ड सिस्टम के लिए आइसीइ वाहनों में इसका उपयोग किया जाता है.
चीन है सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता
चीन रेयर अर्थ मेगनेट्स का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1,40,000 मीट्रिक टन है. इसके बाद अमेरिका इन दुर्लभ पृथ्वीं धातुओं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसकी वार्षिक उत्पादन मात्रा 38,000 मीट्रिक टन है,जो कि चीन की तुलना में काफी कम है. अमेरिका में केवल एक ही खदान है- माउंटेन पास खदान, जो कैलिफोर्निया में स्थित है. इसलिए अमेरिका भी भारी मात्रा में इन धातुओं का आयात करना पड़ता है, क्योंकि घरेलू उत्पादन पर्याप्त नहीं है. इसके विपरीत, वियतनाम और ब्राज़ील क्रमशः 9वें और 10वें सबसे बड़े उत्पादक हैं और दोनों का वार्षिक उत्पादन मात्र 1,000 मीट्रिक टन है.
यहां उपलब्ध है रेयर अर्थ मैग्नेट
देश उत्पादन मीट्रिक टन में
चीन 270,000
अमेरिका 45,000
म्यांमार 31,000
ऑस्ट्रेलिया 13,000
नाइजीरिया 13,000
भारत 2,500
मेडागास्कर 2,000
वियतनाम 300
स्रोत- यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीसी) से लिए गये 2024 के आंकड़े.
भारत को है कितनी आवश्यकता
भारत हर साल 2,900 टन रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन करता है और इसका बड़े पैमाने पर आयात करता है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 540 टन रेयर अर्थ मैग्नेटस का आयात किया था. कुल आयात का 80 फीसदी हिस्सा चीन से आया था और बाकी आयात अन्य देशों से किया गया.
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रेयर अर्थ मैग्नेट संकट में चीन की भूमिका
हाल में चीन ने अपने यहां से छह रेयर अर्थ यानी दुर्भल खनिज मैग्नेट की सप्लाई पर रोक लगा दी है. मई 2025 के अंत तक, भारतीय कंपनियों के लगभग 30 आयात अनुरोधों को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था, लेकिन अभी तक चीनी अधिकारियों द्वारा किसी को भी मंजूरी नहीं दी गई है, और कोई शिपमेंट नहीं आया है. चीन के इस कदम का भारत समेत पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और बिक्री पर असर पड़ सकता है. क्रिसिल रेटिंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुर्लभ अर्थ मैग्नेट आपूर्ति श्रृंखला में एक महीने से ज्यादा समय तक चलने वाला व्यवधान इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च को प्रभावित कर सकता है. इसका असर उत्पादन पड़ सकता है और भारतीय ऑटो सेक्टर की ओवरऑल विकास गति भी प्रभावित हो सकती है.
एक्सपर्ट : सप्लाई चेन को बनाये रखने के जारी हैं प्रयास
– सहर्ष दमानी, सीईओ, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (एफएडीए)
अप्रैल 2025 में चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया. कंपनियों को इनके एक्सपोर्ट के लिए स्पेशल लाइसेंस की आवश्यकता होती है. इस लाइसेंस को पाने के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट के इस्तेमाल को लेकर एक्सपोर्ट संबंधी विस्तृत जानकारी देनी होती है. रेयर अर्थ मैग्नेट की प्रोसेसिंग में चीन का 90 प्रतिशत प्रभुत्व है. वहीं, भारत 80 प्रतिशत तक रेयर अर्थ मैग्नेट चाइना से लेता है. बीते वित्तीय वर्ष की बात करें, तो देश में लगभग 550 टन इंपोर्ट ऑटो इंडस्ट्री में रेयर अर्थ मैग्नेट का चीन से हुआ है.
सप्लाई में आयी रुकावटों से प्रभावित हो रहा प्रोडक्शन : रेयर अर्थ मैग्नेट में एनडीएफइबी (नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन) और एसएमसीओ (समैरियम कोबाल्ट), ये दो मटेरियल बड़े ही क्रिटिकल कंपोनेंट होते हैं, जो परमानेंट मैग्नेट सिंक्रोनाइजेशन मोटर में काम आते हैं. ये मोटर इलेक्ट्रिक वाहनों (इवी) में हाइ टॉर्क, एनर्जी एफिशिएंसी और मोटर को कॉम्पैक्ट साइज देने के लिए उपयोग किये जाते हैं. प्रत्येक गाड़ी में लगभग 1.5 से 3 किलो रेयर अर्थ मैग्नेट की आवश्यकता पड़ती है. इसकी सप्लाइ में आ रही रुकावटों से गाड़ियों का प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है. गाड़ी एक ऐसी चीज है, जिसमें यदि एक भी कलपुर्जा नहीं होता, तो उसे फैक्ट्री से रोलआउट नहीं किया जा सकता.
ढूंढ़ें जा रहे हैं विकल्प : चीन की ओर से लगाये गये प्रतिबंध के बाद कंपनियों को एक्सपोर्ट के लिए जो स्पेशल लाइसेंस चाहिए होता है, वह भी चीन से नहीं मिल पा रहा है. ऑटो इंडस्ट्री सप्लाइ चेन बना सके इसके लिए भारत दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहा है. इसके लिए इंडोनेशिया, जापान व वियतनाम से बात की जा रही है. ये सप्लाइ न टूटे इसके लिए अमेरिका और रशिया से भी बात की जा रही है.
रेयर अर्थ तैयार करने के बारे में सोच रहा है भारत : भारत सरकार इस मैग्नेट को देश में ही तैयार करने की दिशा में सोच-विचार कर रही है. भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट उपलब्ध है, लेकिन इसका कम्पोजीशन, जो अभी चीन के पास है, उसे समझना होगा, हालांकि प्रक्रिया में अभी समय लगेगा.
इन सेक्टरों में भी होता है इस्तेमाल
रेयर अर्थ मैग्नेट का ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी इस्तेमाल किया जाता है-
एनर्जी सेक्टर : रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग विंड टर्बाइन के जनरेटरों में किया जाता है, जिससे वे छोटे आकार के मैग्नेट के साथ अधिक बिजली उत्पन्न कर सकते हैं. यह तकनीक टर्बाइनों को अधिक कुशल और कॉम्पैक्ट बनाती है.
इलेक्ट्रॉनिक्स : इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों जैसे हार्ड ड्राइव्स में रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग रीड/राइट हेड्स में किया जाता है, जिससे डेटा तेजी से और सटीक रूप से पढ़ा और लिखा जा सकता है. हेडफोन में ये मैग्नेट उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि (हाई-फिडेलिटी साउंड) प्रदान करते हैं, जिससे सुनने का अनुभव बेहतर होता है. इसके अलावा भी रेयर अर्थ मैग्नेट विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे-स्मार्टफोन, टैबलेट, गेमिंग कंसोल और अन्य उपभोक्ता उत्पाद में इस्तेमाल किये जाते हैं.
मेडिकल सेक्टर : चिकित्सा के क्षेत्र में रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग एमआरआइ मशीनों में किया जाता है, जो शरीर की आंतरिक संरचना की सटीक छवि प्रदान करते हैं. एक्स-रे और पीइटी इमेजिंग जैसी तकनीकों में भी इनका उपयोग होता है.
अन्य उपयोग : साइकिल डायनामो में बिजली उत्पन्न करने के लिए इन मैग्नेट का उपयोग होता है. कॉडलैस टूल्स, फिशिंग रील्स के ब्रेक सिस्टम, एविएशन में रेडार सिस्टम सहित कई विमानन और रक्षा संबंधी उपकरणों में भी इनका इस्तेमाल होता है.
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