स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 फीसदी का आरक्षण के फैसले पर कोर्ट ने लगायी रोक

हरियाणा में निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए 75 फीसद आरक्षण का फैसला लिया गया था. हरियाणा सरकार के इस फैसले पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. सरकार के इस फैसले को लेकर निजी क्षेत्र की कंपनियां भी कड़ा विरोध कर रही थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2022 1:50 PM
an image

हरियाणा में निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए 75 फीसद आरक्षण का फैसला लिया गया था. हरियाणा सरकार के इस फैसले पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. सरकार के इस फैसले को लेकर निजी क्षेत्र की कंपनियां भी कड़ा विरोध कर रही थी. सरकार का तर्क था कि इस फैसले से युवाओं के रोजगार का रास्ता खुलेगा.

गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने दायर की थी याचिका

गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर कोर्ट ने इस समीक्षा के योग्य माना है और इस पर फैसला आने तक के लिए रोक लगा रखी है.

योग्य और कौशल युवाओं को नौकरी 

याचिकर्ताओं ने कोर्ट में कहा कि निजी क्षेत्र में योग्यता और कौशल के आधार पर लोगों को जॉब दी जाती है, अगर निजी कंपनियों से कर्मचारियों को चुनने का अधिकार ही छीन लिया जाएगा तो वे अपने कारोबार को आगे कैसे बढ़ा पाएंगे.हरियाणा सरकार का ये फैसला योग्य लोगों के अधिकारों का हनन है. ये फैसला उन पढ़े-लिखे युवाओं के अधिकारों का हनन है जो कि अपने टैलेंट के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में नौकरी करने के लिए स्वतन्त्र है.

15 जनवरी से लागू हो रहा था फैसला 

गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के वकील ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा है कि ये कानून लागू होने से निजी क्षेत्र को नुकसान होगा और हरियाणा में अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है.बाहर से आये लोग पलायन के लिए मजबूर होंगे.ध्यान रहे कि खट्टर सरकार ने निजी क्षेत्र में नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला ले लिया था. रियाणा में निजी क्षेत्र में रोजगार क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण का नियम 15 जनवरी से लागू हो गया था.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version