Kanishka Blast: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को कनाडा की संसद में श्रद्धांजलि देने के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में आई तल्खी और बढ़ गई है. भारत ने कनाडा के इस कदम पर प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कनिष्क विमान हादसे का जिक्र कर कनाडा को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत किसी भी सूरत में आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा.
विदेश मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एआई 182 कनिष्क के 329 लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए विदेश मंत्री ने लिखा की 1985 में आज ही के दिन ये लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं. जयशंकर ने लिखा की आज इतिहास में आतंकवाद के सबसे भयानक कृत्यों में से एक की 39वीं बरसी है. उन्होंने कहा कि सालगिरह इस बात की याद दिलाती है कि आतंकवाद को कभी बर्दाश्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए.
Today marks the 39th anniversary of one of the worst acts of terrorism in history.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 23, 2024
Pay my homage to the memory of the 329 victims of AI 182 ‘Kanishka’ who were killed this day in 1985. My thoughts are with their families.
The anniversary is a reminder why terrorism should…
23 जून 1985 को खालिस्तानी आतंकियों ने किया था विमान में धमाका
बता दें, 23 जून 1985 को आज के ही दिन कनाडा के एयर इंडिया के एक विमान में धमाका किया था. यह विमान मॉन्ट्रियल से लंदन जा रहा था, लेकिन जैसे ही विमान अटलांटिक महासागर से गुजर रहा था. विमान में धमाका हो गया. इस विस्फोट के पीछे कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादियों का हाथ था. खालिस्तानी आतंकियों ने ही फ्लाइट में बम लगाया गया था. इस हमले में 329 लोगों की मौत गई थी.
कनाडा की संसद में रखा गया था निज्जर की याद में मौन
भारत ने खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की याद में कनाडा की संसद में एक मिनट का मौन रखा गया था. निज्जर की बीते साल 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया था. इसके बाद भारत और कनाडा के रिश्ते में काफी खटास आ गई थी. वहीं भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था.
भारत ने जताया विरोध
इधर, निज्जर की याद में कनाडा की संसद में मौन रखने के लेकर भारत ने विरोध जताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम हिंसा की वकालत करने वाले और चरमपंथ को राजनीतिक जमीन मुहैया कराने वाले किसी भी कदम का विरोध करते हैं. इसी कड़ी में कुछ दिन पहले विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि कनाडा के साथ भारत का मुख्य मुद्दा ओटावा की ओर से भारत-विरोधी तत्वों को राजनीतिक जगह मुहैया कराना है, जो उग्रवाद और हिंसा की वकालत करते हैं. भाषा इनपुट के साथ
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