क्या है पित्रोदा का बयान
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख पित्रोदा ने कहा कि चीन से खतरे को अक्सर काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है. भारत का दृष्टिकोण हमेशा से चीन के प्रति टकराव पूर्ण रहा है. ऐसे में अब समय आ गया है कि दोनों देशों को एक-दूसरे से सहयोग करना चाहिए, न कि टकराव का इरादा रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस मानसिकता को बदलना होगा.
कांग्रेस ने बयान से किया किनारा
उधर मामले को तूल पकड़ते देख कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से खुद को किनारा कर लिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- “सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं. चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है.” रमेश ने पीएम मोदी की करीब पांच साल पुरानी एक टिप्पणी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- “कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं. जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन की दी गई क्लीन चिट भी शामिल है. चीन पर हमारा सबसे हालिया बयान 28 जनवरी 2025 को जारी किया गया था.”
बीजेपी ने कांग्रेस की मानसिकता पर उठाए सवाल
इधर, पित्रोदा के कथित बयान पर बीजेपी हमलावर है. पार्टी ने कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाया है. भारतीय जनता पार्टी ने उनके बयान का हवाला देते हुए सोमवार को दावा किया कि उनकी यह टिप्पणी चीन के समर्थन में दिए गए उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं के बयानों के अनुसार ही है. बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पित्रोदा के बयान पर कहा कि यह कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाती है. साथ ही यह चीन के समर्थन में उनके नेताओं की ओर से दिए गए बयानों से मेल खाती है.