नगालैंड में निकाय चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग और नगालैंड सरकार को कड़ी फटकार लगायी है.
नगालैंड सरकार और राज्य चुनाव आयोग पर क्यों नाराज है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने महिला आरक्षण को लागू करने और निकाय चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग और नगालैंड सरकार को निर्देश दिया था. लेकिन निर्देश का पालन नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगायी है. राज्य चुनाव आयोग ने 30 मार्च को 36 नगर परिषदों के चुनावों को रद्द कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर नगालैंड सरकार और चुनाव आयोग को फटकारा
जस्टिस संजय किशन कौल और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, आप (नागालैंड सरकार), साथ ही राज्य चुनाव आयोग कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं. हमारा 14 मार्च का आदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव प्रक्रिया में छेड़छाड़ का कोई भी प्रयास इस न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होगा.
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2012 में नगालैंड विधानसभा ने महिलाओं के लिए दिये गये आरक्षण को कर दिया रद्द
गौरतलब है कि सितंबर 2012 में नागालैंड विधानसभा ने संविधान के भाग 1X-A के तहत महिलाओं के लिए प्रदान किए गए 33% कोटा को रद्द कर दिया था. जिसे पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि विधानसभा ने नवंबर 2016 में प्रस्ताव वापस ले लिया.
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