किसानों के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने शंभु बॉर्डर मामले पर कहा
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों के सौहार्दपूर्ण निवारण के लिए समिति का गठन किया है. शंभु बॉर्डर खोलने को लेकर शीर्ष कोर्ट में सुनवाई हुई.
By Amitabh Kumar | September 2, 2024 1:29 PM
शंभु बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. शीर्ष कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों के सौहार्दपूर्ण निवारण के लिए समिति का गठन किया है. कोर्ट ने कहा कि समिति की अध्यक्षता पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवाब सिंह करेंगे. एक सप्ताह के अंदर बैठक बुलाई जानी चाहिए.
Supreme Court constitutes a high power committee headed by former Punjab and Haryana High Court judge to look into the issues of the agitating farmers at Shambhu border near Ambala, where they have been camping since February 13. SC asks the high power committee to frame the… pic.twitter.com/XNZ6sPYIhR
अंबाला के पास शंभू सीमा पर आंदोलनकारी किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उच्चाधिकार समिति से आंदोलनकारी किसानों के साथ बैठक के बाद मुद्दों को तैयार करने को कहा है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने समिति को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अंदर वह अपनी पहली बैठक बुलाए. किसानों के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और समिति को उन पर चरणबद्ध तरीके से विचार करना चाहिए. किसानों को उनका शांतिपूर्ण आंदोलन वैकल्पिक स्थानों पर ले जाने की आजादी होनी चाहिए.
हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट हरियाणा हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. आदेश में सरकार से अंबाला के पास शंभू सीमा पर लगाए गए अवरोधकों को एक सप्ताह में हटाने को कहा गया था. यहां प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से बैठे हुए हैं. हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे, जब ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (गैर-राजनीतिक) और ‘किसान मजदूर मोर्चा’ ने ऐलान किया था कि किसान अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करेंगे.