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शरद यादव ने कहा कि भारत और चीन के बीच पिछले महीने की शुरुआत से ही लद्दाख बॉर्डर के पास माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ था. भारत के प्रधानमंत्री स्तर पर ही चीन के प्रेसिडेंट से बातचीत करके इसको सुलझा लेना चाहिए था. आज ऐसा मौका नहीं है कि सरकार की खामियां बतायी जाये, मगर समझ में नहीं आ रहा है कि यह सरकार हर मोर्चे पर चाहे वह कोरोना संकट हो या इनका कोई और निर्णय हो विफल क्यों हो रही है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि आज देश में सभी दलों को इकट्ठा होकर समस्याओं सुलझाने का काम करना चाहिए, क्योंकि समस्याएं बढ़ती चली जा रही हैं. प्रधानमंत्री जी को देश को संबोधित करना चाहिए और ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई देश के सामने सच्चाई रखनी चाहिए.
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शरद यादव के अनुसार, चीन भारत के साथ इतना व्यापार करता है, उसको ऐसी स्थिति पैदा करने से बचना चाहिए था. कोई भी मामला बातचीत से हल कर लेना चाहिए था. भारत और चीनी सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हिंसक झड़प को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि 15 जून को चीन की ओर से स्थिति बदलने के प्रयास के परिणामस्वरूप ऐसा हुआ. इसमें दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है. दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प गलवान घाटी में पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान हुई है. मैं बहुत दुखी हूं कि 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू और जेसीओ कुंदन कुमार समेत 20 सैनिक गलवान घाटी इलाके में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए, जैसा कि भारतीय सेना के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. बिहार बटालियन का हमेशा से प्रेरणादायक इतिहास रहा है, जिसने कई विपरीत परिस्थतियों में भी अपने करतब दिखाये हैं.
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उन्होंने कहा कि मैं संतोष बाबू जोकि तेलंगाना के मूल निवासी हैं और कुंदन कुमार जो झारखंड के मूल निवासी सहित सभी शहीद सैनिकों के परिजनों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. संतोष बाबू और इनके सैनिकों की शहादत हुई है. उनके उत्साह और देश की सेवा में अपनी जान न्योछावर करना कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.