Home Badi Khabar ‘कमल के फूल का भंवरा तो मियां ओवैसी हैं’, ‘सामना’ के जरिये शिवसेना का भाजपा पर तंज

‘कमल के फूल का भंवरा तो मियां ओवैसी हैं’, ‘सामना’ के जरिये शिवसेना का भाजपा पर तंज

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‘कमल के फूल का भंवरा तो मियां ओवैसी हैं’, ‘सामना’ के जरिये शिवसेना का भाजपा पर तंज

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच जब से ब्रेकआप हुआ है तब से दोनों के बीच शब्दवाण भी तेज हो गये हैं. खास कर शिवसेना भाजपा पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ती है. एक बार फिर से शिवसेना ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में भाजपा पर हमला करते हुए कहा, भाजपा के एक नेता की ओर से दिये गये बयान ने भाजपा और ओवैसी के बीच रिश्ते की पोल खोल दी है. सामना में शिवसेना ने आगे लिखा, भाजपा नेता के बयान से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया.

शिवसेना ने सामना के संपादकीय में आगे लिखा, साक्षी महाराज ने लोगों के इस भ्रम को दूर करके साबित कर दिया है कि कमल के फूल के भंवरा मियां ओवैसी ही हैं.

शिवसेना ने बिहार में भाजपा की जीत और तेजस्वी की हार पर कहा, ओवैसी ने बिहार के सीमांचल क्षेत्रों में पांच सीटें जीतीं और 17 से 18 सीटों पर तेजस्वी को नुकसान पहुंचाया. अगर ऐसा नहीं होता तो बिहार में इसबार परिवर्तन हर हाल में दिखाई देता.

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शिवसेना ने भाजपा पर हिंदुत्व के साथ धोखा देने का भी आरोप लगाया और लिखा, भाजपा ओवैसी की मदद से पश्चिम बंगाल में भी चुनाव जीतना चाहती है. मतलब कि हिंदुत्व विरोधी ताकतों का इस्तेमाल करते भाजपा हिंदुओं का वोट हासिल करना चाहती है.

मालूम हो दो दिनों पहले भाजपा नेता साक्षी महाराज ने कहा था कि ओवैसी मियां की ‘एआईएमआईएम’ मुसलमानों की तारणहार नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी का अंगवस्त्र है. साक्षी नेता के बयान पर ही शिवसेना ने भाजपा पर हमला बोला है.

साक्षी महाराज ने ओवैसी को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा था कि ओवैसी भाजपा के पॉलिटिकल एजेंट हैं. उन्होंने आगे कहा, ओवैसी के कारण ही हम चुनाव जीतते रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, हम बिहार चुनाव भी ओवैसी के कारण ही जीते थे. हालांकि साक्षी महाराज के बयान से भाजपा ने किनारा कर लिया है और पार्टी ने उसे साक्षी महाराज का निजी बयान बता दिया है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में आसन्न पंचायत चुनाव में ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ भी ताल ठोकेगा. इस मोर्चे में सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की पार्टी भी शामिल है. मालूम हो उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव आगामी मार्च-अप्रैल में संभावित हैं.

Posted By – Arbind kumar mishra

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