सुरंग में फंसे मजदूर ने बताई आपबीती
सिल्कयारा सुरंग से बचाए गए 41 श्रमिकों में सुबोध कुमार वर्मा भी शामिल हैं. सुबोध कुमार झारखंड के रहने वाले हैं. 12 नवंबर को हुए हादसे में सुबोध भी फंस गये थे. उन्होंने सभी 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयासों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को धन्यवाद दिया है. अपनी आपबीती बताते हुए सुबोध ने कहा कि पहले 24 घंटे कठिन थे लेकिन उसके बाद हमें पाइप के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया गया. मैं अब बिल्कुल ठीक हूं और अच्छे स्वास्थ्य में हूं. रेस्क्यू टीम से खाना पानी, दवाइयां सभी चीजें मुहैया कराई जाती रही. सुबोध ने कहा कि वो पूरी तरह ठीक हैं, और अच्छा महसूस कर रहे हैं.
एम्स ऋषिकेश में चल रहा स्वास्थ्य जांच
गौरतलब है कि दोपहर में भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए सभी श्रमिकों को चिन्यालीसौड़ अस्पताल से गहन स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एम्स ऋषिकेश लाया गया था. एम्स ऋषिकेश में श्रमिकों को पहले ट्रॉमा वार्ड में ले जाया गया जहां से उन्हें 100 बिस्तरों वाले आपदा वार्ड में स्थानांतरित किया गया. केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों की ओर से युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के जरिए सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को 17 वें दिन मंगलवार रात को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था.
सभी श्रमिक पूरी तरह स्वस्थ
सुरंग से बाहर निकाले जाने के बाद उन्हें सिलक्यारा से 30 किलोमीटर दूर स्थित चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया था. सभी श्रमिक स्वस्थ हैं लेकिन दो हफ्ते से ज्यादा वक्त तक सुरंग में फंसे रहने के कारण संभावित स्वास्थ्य परेशानियों के दृष्टिगत उन्हें एम्स ऋषिकेश लाया गया है. सुबह चिन्यालीसौड़ अस्पताल में श्रमिकों से मिलकर उनका हालचाल लेने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि सभी लोग स्वस्थ और प्रसन्न हैं लेकिन डॉक्टरों के परामर्श पर उन्हें जांच के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा जा रहा है .
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