नयी दिल्ली: जम्मू कश्मीर में जमीन संबंधित कानून में बदलाव किया गया है. बीते दिनों गृहमंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में नए भूमि कानून को लेकर निर्देश जारी किया था. निर्देश के मुताबिक अब जम्मू कश्मीर में भारत के किसी भी राज्य का नागरिक आवासीय और कारोबारी उद्देश्य के लिए जमीन खरीद सकता है. केवल कृषि भूमि में रोक जारी रहेगी.
प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोहित कंसल का बयान
इस बीच सोमवार यानी 2 नवंबर को जम्मू कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोहित कंसल ने जम्मू कश्मीर के नए भूमि कानून को लेकर बड़ा बयान दिया. रोहित कंसल ने बताया कि जम्मू कश्मीर की पुरानी भूमि कानून प्रणाली उस वक्त शायद सही रही होगी जब इसकी शुरुआत रही होगी. क्योंकि, तब ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को समर्थन करना था. लेकिन अब ये अप्रचलित हो चुका है. पुराना भूमि कानून आज के संदर्भ में अप्रासंगिक है. रोहित कंसल ने पुरानी भूमि कानून प्रणाली को जनविरोधी भी कहा.
So there was a need to clean the system & give a set of simple land laws to prevent unnecessary litigation & discretionary interpretation as we know any such interpretation leaves scope for vested interests to operate. In this background 11 laws have been repealed: Rohit Kansal https://t.co/Z6z0ddUq6E
— ANI (@ANI) November 2, 2020
जम्मू कश्मीर में अब नई व्यवस्था लागू होगी
रोहित कंसल ने कहा कि नया भूमि कानून इसलिए लाया गया क्योंकि इससे संबंधित गैरजरूरी मुकदमेबाजी और विवेकरहित व्याख्या को रोका जाना जरूरी था. रोहित कंसल ने कहा कि पुरानी व्यवस्था और पुराना कानून चंद लोगों के निहित स्वार्थों की पूर्ति की गुंजाइश छोड़ता है. जम्मू कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने कहा कि इसी पृष्ठभूमि में 11 कानून निरस्त किए गए. अब से नई व्यवस्था लागू होगी.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ये थी राय
बता दें कि बीते दिनों जम्मू कश्मीर में जमीन की खरीद बिक्री को लेकर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नया आदेश जारी किया गया था. नए कानून में जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए वहां का स्थायी नागरिक होने की शर्त हटा दी गई थी. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि बाहरी निवेशकों को आकर्षित करने, औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने और जम्मू कश्मीर के स्थानीय नागरिकों को नौकरी देने के लिए नया कानून बेहद जरूरी था. हालांकि कृषि की जमीन की खरीद बिक्री पर अभी भी छूट नहीं है वहीं लद्दाख में नियम अभी भी सख्त हैं.
Posted by- Suraj Thakur
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