Sunsets On Mars: मंगल ग्रह में कैसा होता है सूर्योदय और सूर्यास्त? जानकर फटी रह जाएंगी आंखें

Sunsets On Mars: पृथ्वी पर सूर्यास्त के दौरान आसमान में नारंगी, लाल या गुलाबी रंग दिखाई देता है, लेकिन मंगल ग्रह पर यह अलग रंग का दिखाई देता है. मंगल ग्रह पर एक दिन लगभग 24 घंटे और 40 मिनट का होता है, जो पृथ्वी के दिन के समान ही होता है.

By Pritish Sahay | April 21, 2025 7:45 AM
an image

Sunsets On Mars: धरती पर हर दिन हम सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं. आसमान में नारंगी, लाल या गुलाबी रंग में रंगा दिखाई देता है. कुदरत की अद्भुत दृश्य काफी मनमोहक लगता है. लेकिन क्या कभी हम जानते हैं कि धरती से इतर अन्य ग्रहों पर सूर्योदय और सूर्यास्त कैसा होता है. बात करें मंगल ग्रह की तो मंगल ग्रह में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पूरा आसमान नीला हो जाता है. प्रकृति की अद्भुत छटा हर ओर दिखाई देती है.

मंगल में अलग रंग में रंगा होता है सूर्योदय और सूर्यास्त

मंगल ग्रह पर सूर्यास्त पृथ्वी की तुलना में अलग होता है. सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान आसमान नीला दिखाई देता है. मंगल ग्रह का नीला सूर्यास्त अद्वितीय है. वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह का सूर्यास्त और सूर्योदय ने काफी आकर्षित किया है. नासा के वाइकिंग 1 लैंडर ने पहली बार इंसानों को दिखाया कि मंगल ग्रह पर सूर्यास्त कैसा दिखता है. 21 अगस्त 1976 को मंगल ग्रह के सूर्यास्त को पहली बार क्रिस प्लैनिटिया क्षेत्र में रिकॉर्ड किया गया था.

लाल ग्रह का नीला सूर्योदय और सूर्यास्त

मंगल ग्रह को लाल ग्रह भी कहा जाता है. इसका कारण यहां की लाल रंग की मिट्टी है. मंगल ग्रह की मिट्टी में आयरन ऑक्साइड काफी मात्रा में होता है. इस कारण यह लाल दिखाई पड़ता है. मंगल ग्रह का लाल रंग पृथ्वी से बिना दूरबीन की सहायता के भी देखा जा सकता है. प्राचीन रोमनों ने इसका नाम अपने युद्ध के देवता एरेस के नाम पर रखा था. ग्रीक पौराणिक कथाओं में एरेस को युद्ध का देवता माना गया है.

क्यों होता मंगल ग्रह में नीला सूर्योदय और सूर्यास्त

लाल ग्रह होने के बावजूद मंगल ग्रह में सूर्योदय और सूर्यास्त नीले रंग का होता है. इसका कारण मंगल ग्रह के वातावरण में मौजूद धूल कण हैं. यह लंबी तरंग दैर्ध्य वाले प्रकाश को अवशोषित करते हैं और नीली रोशनी को वायुमंडल में बिखेरते हैं. दरअसल मंगल ग्रह का वायुमंडल मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड से बना है, और इसमें धूल कण समेत कई और कण भी मौजूद हैं. ये कण नीली रोशनी को अधिक प्रभावी ढंग से बिखेर देते हैं. इस कारण लाल ग्रह का सूर्योदय और सूर्यास्त नीला होता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version