सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ कारिखो की अपील पर गौर किया और कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को उनके स्वामित्व वाली प्रत्येक चल संपत्ति का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि वे काफी कीमती या विलासितापूर्ण जीवनशैली को न दर्शाती हो. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार एन. तयांग द्वारा दायर एक चुनाव याचिका पर आया था, जिसमें 2019 विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा को चुनौती दी गई थी.
हाईकोर्ट ने किया था खारिज
हाई कोर्ट ने कहा था कि कारिखो ने अपना नामांकन पत्र लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33 के अनुसार जमा नहीं किया था और इसलिए, उनका नामांकन पत्र धारा 36 (2) (बी) के तहत खारिज किया जा सकता है. तयांग ने आरोप लगाया था कि कारिखो ने अपने नामांकन पत्र में यह खुलासा नहीं करके झूठी घोषणा की थी कि ईटानगर के सेक्टर ई में स्थित ‘एमएलए कॉटेज नंबर-1’ नामक सरकारी आवास उनके पास है.
यह आरोप लगाया गया था कि कारिखो ने सरकारी आवास के किराए, बिजली शुल्क, जल शुल्क और टेलीफोन शुल्क के लिए संबंधित विभाग से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ लेकर जमा नहीं किया था. विधानसभा चुनाव 11 अप्रैल, 2019 को हुआ और परिणाम 27 मई को आया, जिसमें कारिखो को एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजेता घोषित किया गया.
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