सुप्रीम कोर्ट का त्रिपुरा निकाय चुनाव स्थगित करने से इनकार, कहा- लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं
Tripura Municipal Elections सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को त्रिपुरा निकाय चुनाव स्थगित करने से इनकार कर दिया है. बता दें कि त्रिपुरा में निकाय चुनाव से पहले हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2021 5:26 PM
Tripura Municipal Elections सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को त्रिपुरा निकाय चुनाव स्थगित करने से इनकार कर दिया है. बता दें कि त्रिपुरा में निकाय चुनाव से पहले हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और चुनाव प्रचार मंगलवार शाम 4:30 बजे समाप्त हो जाएगा. वहीं, मतदान 28 नवंबर को है और मतगणना 4 दिसंबर को है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव स्थगित किए जाने के हम खिलाफ हैं. अगर हम ऐसा करते हैं तो यह एक गलत मिसाल कायम करेगा. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनाव स्थगित करना अंतिम उपाय है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव स्थगित करने से पहले, टीएमसी द्वारा व्यक्त की गई आशंका के मद्देनजर त्रिपुरा सरकार को निर्देश जारी करने पर विचार करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नगरपालिका चुनाव के शेष चरण शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से हों.
Tripura municipal elections: Supreme Court observes that postponing elections is an extreme thing to order in a democracy and we are averse to it.
If we do it then it will set a wrong precedent, says Supreme Court, adding that postponing the elections is the last resort pic.twitter.com/wxLlu9oRcK
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली के अपने आवास में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. प्रतिनिधिमंडल ने बताया था कि त्रिपुरा पुलिस पार्टी कार्यकर्ताओं पर क्रूरता और बर्बरता से कार्रवाई कर रही है. त्रिपुरा में हुई घटना के बाद पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा था और गृह मंत्रालय के बाहर धरने पर बैठ गया था.
टीएमसी के सांसदों ने गृह मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और अमित शाह से मिलने का समय मांगा था. टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर रे ने पीटीआई के हवाले से कहा कि हम चाहते हैं कि गृह मंत्री हमारी बात सुनें. त्रिपुरा में हो रही हिंसा के लिए शाह और मोदी दोनों को जवाब देने की जरूरत है.