समलैंगिक विवाह पर खुली अदालत में सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Gay marriage: सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को लेकर दायर याचिका पर खुले में सुनवाई से इनकार कर दिया है.

By Agency | July 9, 2024 5:01 PM
an image

Gay marriage: सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी मान्यता देने से इनकार किये जाने संबंधी उसके पिछले साल के निर्णय की समीक्षा के लिए दायर याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई करने की अनुमति देने से मंगलवार को इनकार कर दिया.

समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं को कोर्ट से झटका

पुरुष समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं को झटका देते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल 17 अक्टूबर को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था. पीठ ने कहा था कि कानूनन मान्यता प्राप्त विवाह के अलावा अन्य को कोई मंजूरी नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने की थी समलैंगिक लोगों के अधिकारों की पैरोकारी

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के समय समलैंगिक लोगों के अधिकारों की जोरदार पैरोकारी की थी, ताकि अन्य लोगों को उपलब्ध वस्तुओं और सेवाओं को पाने में उन्हें भेदभाव का सामना न करना पड़े. कोर्ट ने उत्पीड़न एवं हिंसा का सामना करने वाले(ट्रांसजेंडर) समुदाय के लोगों को आश्रय देने के लिए सभी जिलों में गरिमा गृह और संकट की घड़ी में इस्तेमाल करने के लिए समर्पित हॉटलाइन नंबर की व्यवस्था करने को कहा था.

10 जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस पी एस नरसिम्हा निर्णय की समीक्षा का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर 10 जुलाई को अपने कक्ष में विचार करने वाले हैं.

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से खुली अदालत में सुनवाई की मांग की

मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और एन के कौल ने मामले का उल्लेख किया तथा प्रधान न्यायाधीश से खुली अदालत में पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई करने का आग्रह किया. कौल ने कोर्ट से कहा, मेरा कहना है कि क्या इन याचिकाओं की खुली अदालत में सुनवाई की जा सकती है. सीजेआई ने उनसे कहा कि ये संविधान पीठ द्वारा समीक्षा किये जाने वाले मामले हैं, जिन्हें कक्ष (चैम्बर) में सूचीबद्ध किया गया है. परंपरा के अनुसार, पुनर्विचार याचिकाओं पर न्यायाधीशों द्वारा कक्ष में विचार किया जाता है.

कोर्ट ने 21 याचिकाओं पर चार अलग-अलग फैसले सुनाए थे

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली 21 याचिकाओं पर चार अलग-अलग फैसले सुनाए थे. सभी पांच न्यायाधीश विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार करने को लेकर एकमत थे. पीठ ने कहा था कि इस तरह के संबंध को वैध बनाने के लिए कानून में बदलाव करना संसद के अधिकार क्षेत्र में है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version