नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने थाईलैंड और नेपाल के 75 नागरिकों को शनिवार को जमानत दे दी. इनके खिलाफ वीजा के नियमों, दिशा-निर्देशों की कथित अवहेलना करके तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के आरोप हैं .
इन पर वीजा नियमों का कथित उल्लंघन करने के अलावा कोविड-19 के मद्देनजर जारी सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने और मिशनरी गतिविधियों में गैरकानूनी तरीके से शामिल होने के भी आरोप हैं. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने इन विदेशियों को 10,000-10,000 रूपये के निजी मुचलके पर यह राहत दी. अभी तक 33 अलग अलग देशों के 445 नागरिकों को अदालत द्वारा जमानत प्रदान की जा चुकी है.
पुलिस ने जून महीने में इस मामले में 36 देशों के 956 विदेशियों के खिलाफ 59 आरोप पत्र दाखिल किए थे जिसमें पूरक आरोपपत्र शामिल थे. विदेशी नागरिकों की ओर से पेश वकील आशिमा मंडला, मंदाकिनी सिंह और फहीम खान ने बताया कि जिन आरोपियों को शनिवार को जमानत प्रदान की गई वे सोमवार को अपराध स्वीकार कर सजा कम करने का आवेदन (प्ली बार्गेनिंग एप्लिकेशन) देंगे. इस तरह के आवेदन के तहत आरोपी अपना दोष स्वीकार कर लेता है और कम दंड देने की याचना करता है.
दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जिन मामलों में अधिकतम सजा सात वर्ष है, जो अपराध समाज की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को प्रभावित नहीं करते हों और जो अपराध महिला अथवा 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के खिलाफ न हों, उनमें समझौता आवदेन देने की इजाजत होती है. सुनवाई के दौरान सभी विदेशी नागरिकों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत के समक्ष पेश किये गये. अदालत ने मंगलवार को 122 मेलेशियाई नागरिकों को, बुधवार को 21 देशों के 91 नागरिकों को और बृहस्पतिवार को आठ देशों के 76 नागरिकों को और शुक्रवार को 82 बांग्लादेशी नागरिकों को जमानत दी थी.
जांच अधिकारी ने पहले अदालत को बताया था कि मामले में 956 विदेशियों के खिलाफ जांच पूरी हो गई है और प्रत्येक को कथित तौर पर निजी तौर अपराध के लिए दोषी पाया गया है. इन विदेशियों ने गत मार्च में इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था, जिसके बाद अप्रैल में देश भर में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी हुई क्योंकि सैकड़ों तबलीगी जमात के सदस्य जिन्होंने निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था वे संक्रमित पाये गए थे.
इन विदेशियों के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं उनमें छह महीने से आठ साल तक की सजा हो सकती है. केंद्र ने आरोपियों के वीजा रद्द कर उन्हें काली सूची में डाल दिया है. हालांकि इन आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और ये लोग दिल्ली उच्च न्यायालय की मंजूरी से विभिन्न इलाकों में रह रहे हैं. राजधानी में निजामुद्दीन मरकज के मार्च में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में कम से कम 9,000 लोग शामिल हुए थे. इसके बाद इनमें से अनेक देश के दूसरे हिस्सों में भी गये थे.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak
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