Tahawwur Rana: मुंबई आतंकी हमलों का बड़ा आरोपी तहव्वुर राणा कुछ ही घंटों में भारत पहुंच जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राणा को लेकर अमेरिका से एक विशेष विमान ने उड़ान भर ली है. भारत पहुंचने के बाद राणा को एनआईए गिरफ्तार करेगी. राणा मुंबई में साल 2008 में हुए हमले का बड़ा आरोपी है. इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था, जिसके अहम तार राणा से जुड़े हुए थे. गिरफ्तारी के बाद एनआईए की टीम आरोपी तहव्वुर राणा से पूछताछ करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक उसे दिल्ली के तिहाड़ जेल में रखा जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेश मंत्री और एनएसए के साथ की बैठक
तहव्वुर राणा के भारत पहुंचने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक की. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों से जानकारी मिली है कि गृह मंत्री ने विदेश मंत्री और एनएसए के साथ बैठक में राणा को लेकर चर्चा हुई. बैठक में खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद थे. केंद्र सरकार की एक बहु-एजेंसी टीम पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को भारत लाने के लिए पहले से ही अमेरिका में है. राणा को भारत प्रत्यर्पित कराकर लाया जाना है ताकि उसपर 26/11 मुंबई हमलों के मामले में यहां मुकदमा चलाया जा सके.
अमेरिकी पुलिस ने किया था गिरफ्तार
इससे पहले राणा अमेरिका के जेल में बंद था. अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने राणा को लश्कर-ए-तैयबा को साजो सामान की सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. अमेरिका में तहव्वुर राणा को 2011 में इस मामले में दोषी ठहराया गया और 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई. हालांकि, उसे मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया गया. वहीं. भारत लगातार अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था.
मोदी सरकार की बड़ी सफलता- अमिश शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण पर बुधवार को कहा कि यह मोदी सरकार की बड़ी सफलता है. एक कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का प्रयास भारत के सम्मान, भूमि और लोगों पर हमला करने वालों को न्याय के कटघरे में लाना है.
17 साल बाद हो रहा है प्रत्यर्पण
26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने कहा “जबकि हम अमेरिका के फैसले का स्वागत करते हैं, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 26/11 हमले 2008 में हुए थे, और प्रत्यर्पण में 17 साल लग गए. बावजूद इसके कि भारत ने शुरू में ही विश्वसनीय सबूत उपलब्ध कराए थे. अगर भूमिकाएं बदल दी गई होतीं और 9/11 हमलों का एक आरोपी भारत में होता तो अमेरिका इतना लंबा इंतजार नहीं करता. अमेरिकी कानूनी प्रक्रिया धीमी है और लगातार आने वाले प्रशासन अधिक तेजी से काम कर सकते थे.”
#WATCH | Delhi | On 26/11 Mumbai attacks accused Tahawwur Rana's extradition to India, former diplomat KP Fabian says, "While we welcome the US decision, it's important to note that the 26/11 attacks occurred in 2008, and it has taken 17 years for the extradition—despite India… pic.twitter.com/ADMiUOrLlo
— ANI (@ANI) April 9, 2025
मौत की सजा मिलनी चाहिए- प्रियंका चतुर्वेदी
26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा “16 साल के लंबे इंतजार के बाद उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है. उसे मुंबई के भीड़ भरे चौराहे पर मौत की सजा दी जानी चाहिए ताकि भारत की तरफ बुरी नीयत से देखने वाले लोगों का दिल दहल जाए. मुझे उम्मीद है कि हाफिज सईद, डेविड हेडली को भी भारत लाया जाएगा और उन्हें सख्त सजा दी जाएगी.”
#WATCH | Delhi | On 26/11 Mumbai attacks accused Tahawwur Rana's extradition to India, Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi says, "…After a long wait of 16 years he is being extradited to India…He should be sentenced to death in a crowded square in Mumbai so that people who… pic.twitter.com/nV5eNHPSr7
— ANI (@ANI) April 9, 2025
विड कोलमैन हेडली से जुड़े हैं राणा के तार
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा है. कोलमैन 26 नवंबर 2008 (26/11) हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है. हेडली ने हमलों से पहले राणा की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के कर्मचारी के रूप में मुंबई की रेकी की थी. इसके अलावा राणा को डेनमार्क में आतंकवादी साजिश में सहायता देने से जुड़े एक मामले में और मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को सहायता देने के एक मामले में अमेरिका में दोषी ठहराया गया था.
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी राणा की याचिका
इससे पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के बड़े आरोपी तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. अमेरिका के लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद राणा ने प्रत्यर्पण न करने की गुहार अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से लगाई थी. हालांकि उसकी याचिका को अमेरिकी कोर्ट ने नकार दिया. राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जो मुंबई हमले के प्रमुख आरोपियों में से एक है. भारत काफी समय से उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा था.
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