Goa: पिछले कुछ महीनों में गोवा में पर्यटकों की संख्या में कमी आने की खबरें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. इसको लेकर विभिन्न पक्षों में बहस भी हो रही है. अब गोवा के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री माइकल लोबो ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में विदेशी पर्यटकों की कमी के लिए गोवा का पर्यटन उद्योग खुद जिम्मेदार है.
लोबो का कहना है कि गोवा का पर्यटन विभाग राज्य की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक व्यंजनों को उचित तरीके से प्रदर्शित करने में विफल रहा है. इसके बजाय, समुद्र तटों पर अन्य राज्यों के व्यंजन बेचे जा रहे हैं, जिससे गोवा की पहचान कमजोर पड़ रही है. उन्होंने विशेष रूप से समुद्र तटों पर इडली-सांभर बेचे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रवृत्ति बंद होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “हमें स्वीकार करना होगा कि हमने गलती की है. हमने अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के बजाय समुद्र तटों पर इडली-सांभर बेचना शुरू कर दिया. यह बंद करने की जरूरत है. पर्यटक गोवा आते हैं ताकि वे यहां के स्थानीय व्यंजन चख सकें, लेकिन उन्हें वही खाने को मिल रहा है जो वे अन्य राज्यों में भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.” लोबो ने स्पष्ट किया कि वह इडली-सांभर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उनका मानना है कि गोवा की पारंपरिक खाने-पीने की चीजों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
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उन्होंने आगे कहा कि समुद्र तटों पर बंगाल, दिल्ली, हैदराबाद और अन्य राज्यों के व्यंजन बेचने वालों के लाइसेंस रद्द किए जाने चाहिए. उनके अनुसार, गोवा की असली पहचान उसके स्थानीय खान-पान और संस्कृति में है, जिसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
बुधवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए लोबो ने अन्य कई मुद्दों पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि गोवा को कचरे के निपटारे, आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और टैक्सी ऑपरेटरों के बीच झड़पों जैसी समस्याओं पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने आगाह किया कि यदि इन मुद्दों का समाधान नहीं किया गया तो गोवा के पर्यटन उद्योग को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है.
इससे पहले, गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार समुद्र तटों पर स्थित शैकों में गोवा के स्थानीय व्यंजन परोसना अनिवार्य बनाएगी. खाउंटे ने यह भी कहा कि पर्यटक गोवा के बीच शैकों में स्थानीय भोजन की उम्मीद करते हैं, लेकिन कई बार शिकायतें मिलती हैं कि उन्हें वहां गोवा का पारंपरिक खाना नहीं मिलता.
गौरतलब है कि गोवा के पर्यटन विभाग द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि राज्य के समुद्र तटों पर स्थित लगभग 350 शैकों में से 110 अवैध रूप से दूसरों को किराए पर दे दिए गए थे. इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठा सकता है. गोवा का पर्यटन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इस क्षेत्र में गिरावट को रोकने के लिए सरकार और पर्यटन विभाग को मिलकर काम करना होगा. स्थानीय संस्कृति और व्यंजनों को बढ़ावा देना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.
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