यूरोप जैसा ट्रांसपोर्ट सिस्टम: महंगा किराया, लेकिन कोरोना से होगा सुरक्षित सफर, जानिए झारखंड की तैयारी

कोरोना महामारी की व्यापकता के कारण देश की कई व्यवस्था बदल गई है, अब देश का ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी बदल रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों ने मौजूदा ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने की तैयारी शुरु कर दी है.

By Pritish Sahay | May 11, 2020 7:09 AM
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कोरोना का कहर पूरी दुनिया में बरप रहा है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. देश में अब तक 60 हज़ार से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके है. 2 हज़ार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान भी गंवा चुके है. सबसे बड़ी बात की अबतक यह पता नहीं चल पाया है की दुनिया से कोरोना किस तरह ख़त्म होगा. कोरोना महामारी की व्यापकता के कारण देश की कई व्यवस्था बदल गई है, अब देश का ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी बदल रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों ने मौजूदा ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने की तैयारी शुरु कर दी है.

यूरोप की तर्ज पर बनेगा टांस्पोर्ट सिस्टम :

केंद्र सरकार के ट्रांसपोर्ट, रेलवे, वित्त, शहरी विकास विभाग ने मौजूदा ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने के कवायद कर दी है. नए सिस्टम को लेकर बताया जा रहा है कि यह सिस्टम काफी हद तक यूरोप की तर्ज पर होग. बसों में आधी से अधिक सीटें खत्म कर दी जाएंगी. ट्रेनों और मेट्रो रेल के फेरे कई गुना तक बढ़ जाएंगे. सोशल डिस्टेंसिंग के चलते इनमे यात्रियों की संख्या आधी रह जाएगी. हालांकि, नया सिस्टम से यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अब जो सिस्टम बनेगा, वह यूरोप की तर्ज पर होगा. परिवहन में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाएगा. बसों और ट्रकों उसी हिसाब से बनायी जाएंगी. हर वाहन में हैंड वॉश, सैनिटाइजर, फेस मास्क और दस्ताने की विशेष व्यवस्था होगी.

झारखंड में बसों में 52 की जगह 25 सीट

वही, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में ट्रांसपोर्ट की नई व्यवस्था लागू होगी. इसके तहत 52 सीट वाली बस में अब 25 यात्री बैठ सकेंगे. ऐसी स्थिति में यात्रियों से दोगुना किराया वसूला जाएगा. नए सिस्टम को लेकर बस मालिकों के बातचीत हो रही है.

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