Tribal Man Lynching Case : आदिवासी युवक की हत्या मामला, केरल HC ने राज्य सरकार से 10 दिनों में मांगा जवाब

Tribal Man Lynching Case: केरल में चार साल पहले 28 वर्षीय आदिवासी युवक की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 10 दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2022 6:39 AM
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Tribal Man Lynching Case: केरल के पलक्कड़ जिले के अट्टाप्पदी में चार साल पहले 28 वर्षीय आदिवासी युवक मधु की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में केरल हाई कोर्ट ने 16 लोगों के मुकदमे पर शुक्रवार को सुनवाई पर रोक लगा दी, जिसे भीड़ ने खाना चुराने के कारण पीट-पीट कर मार डाला था. हाई कोर्ट का यह आदेश मृतक युवक की मां की उस याचिका पर आया, जिसमें अभियोजन पक्ष पर आरोप लगाया गया था कि वह आरोपी के खिलाफ मामले को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से 10 दिन में मांगा जवाब

हाई कोर्ट ने इस मामले में केरल सरकार को दस दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. हत्या के इस मामले के सभी 16 आरोपी जमानत पर बाहर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कई गवाहों के मुकर जाने के बाद मधु की मां एम वल्ली ने अदालत का रुख किया. लेकिन, कहा कि ऐसा करने के लिए उसके पास कोई प्रावधान नहीं है. फिर उसने हाई कोर्ट का रुख किया.

सरकार को काफी शर्मिंदगी का करना पड़ा था सामना

बता दें कि मॉब लिंचिंग के इस मामले में सरकार को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था. बाद में मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत की स्थापना की गई थी. पिछले साल जनवरी में जैसे ही मुकदमा शुरू हुआ, कई गवाह मुकर गए और उनकी मां ने आरोप लगाया कि विशेष लोक अभियोजक सी राजेंद्रन अपना काम ठीक से नहीं कर रहे थे. उसने यह भी आरोप लगाया कि चूंकि कुछ आरोपी सत्तारूढ़ दल के करीबी थे. इसलिए, मामले को कमजोर करने का जानबूझकर प्रयास किया गया. उसके वकील को विस्तार से सुनने के बाद अदालत ने सुनवाई की कार्यवाही पर रोक लगा दी और सरकार को 10 दिनों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था

उल्लेखनीय है कि फरवरी 2018 में पलक्कड़ जिले के अट्टापडी में चोरी का आरोप लगाते हुए भीड़ ने मानसिक रूप से बीमार पीड़ित व्यक्ति मधु की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. कुछ आरोपियों ने एक पेड़ से बंधे खून से लथपथ आदमी के साथ सेल्फी भी पोस्ट की थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने बाद में पुष्टि की कि हमले में उन्हें गंभीर आंतरिक चोटें आईं, जिससे अंततः उसकी मौत हो गई. रिश्तेदारों ने बताया कि मधु कई सालों से परिवार से दूर रह रहा था. उन्होंने कहा कि वह खाने-पीने का सामान इकट्ठा करने के लिए कभी-कभी जंगलों से बाहर आता था और वह चोर नहीं था जैसा कि भीड़ ने आरोप लगाया था. लिंचिंग का पूरे राज्य में व्यापक विरोध हुआ. इसने राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आदिवासियों के रहन-सहन की स्थिति को भी उजागर किया.

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