यह पांच देश परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. यह संधि एक प्रकार का प्रतिज्ञा है जो यह प्रतिबद्ध करता है कि जिन देशों के पास परमाणु हथियार नहीं हैं, वे न तो उनका निर्माण करेंगे और न ही उन्हें प्राप्त करेंगे, और जिनके पास परमाणु हथियार हैं, वे परमाणु निरस्त्रीकरण के उद्देश्य से “सद्भावनापूर्वक वार्ता जारी रखेंगे.
भारत और पाकिस्तान भी हैं परमाणु संपन्न राष्ट्र
भारत और पाकिस्तान ने बीते कुछ सालों में अपने परमाणु शस्त्रागार का निर्माण किया है. दोनों देशों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. भारत ने 1974 में सबसे पहले परमाणु परीक्षण किया था, उसके बाद 1998 में दूसरा परीक्षण किया. इसके कुछ ही सप्ताह बाद पाकिस्तान ने भी अपना परमाणु परीक्षण किया. इजराइल ने भी एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. उसने कभी अपने पास परमाणु हथियार होने की बात स्वीकार नहीं की है, लेकिन व्यापक रूप से ऐसा माना जाता है कि उसके पास यह हथियार हैं. उत्तर कोरिया 1985 में एनपीटी में शामिल हुआ था, लेकिन 2003 में उसने अमेरिका की आक्रामकता का हवाला देते हुए संधि से बाहर निकलने की घोषणा की. 2006 से उसने कई परमाणु परीक्षण किए हैं.
ईरान विकसित कर रहा है परमाणु बम
ईरान लंबे समय से इस बात पर अड़ा जोर देता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने आकलन किया है कि तेहरान अब सक्रिय रूप से बम बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है. हालांकि हाल के सालों में उसने यूरेनियम को 60 फीसदी शुद्धता तक संवर्धित किया है, जो हथियार-स्तर के 90 फीसदी के करीब है.
स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान अपने एक वार्षिक आकलन में अनुमान लगाया है कि जनवरी तक नौ देशों के पास सैन्य परमाणु हथियारों का निम्नलिखित भंडार था.
- रूस – 4309
- अमेरिका- 3700
- चीन- 600
- फ्रांस- 290
- ब्रिटेन- 225
- भारत- 180
- पाकिस्तान- 170
- इजराइल- 90
- उत्तर कोरिया- 50