गुप्त सूचना पर की गई कार्रवाई
सुकमा के पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि माओवादियों के गोलापल्ली लोकल ऑर्गेनाइजेशन स्क्वायड (एलओएस) के कमांडर मड़कम एर्रा की उपस्थिति की गुप्त सूचना मिलने पर लगभग 35 की संख्या में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कोबरा बटालियन के दल को गश्त पर रवाना किया गया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद डीआरजी और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन की अलग-अलग टीम ने रविवार रात को अभियान शुरू किया. उन्होंने बताया कि जब गश्त पर निकली डीआरजी की टीम में से एक ने दंतेशपुरम जंगल को घेर लिया, तो नक्सलियों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की.
तलाशी में विस्फोटक और हथियार बरामद
पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि गोलीबारी खत्म होने के बाद जब घटनास्थल की तलाशी ली गई, तब वहां से दो नक्सलियों के शव, हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों की पहचान गोलापल्ली एलओएस के सक्रिय कमांडर मड़कम ऐर्रा और इसी संगठन के डिप्टी कमांडर मड़कम भीमे के रूप में हुई है.
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नक्सलियों पर थे लाखों के इनाम
उन्होंने बताया कि नक्सली ऐर्रा के सिर पर आठ लाख रुपये और भीमे के सिर पर तीन लाख रुपये का इनाम था. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कमांडर ऐर्रा के खिलाफ कथित तौर पर दो दर्जन से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप था. उन्होंने बताया कि आस पास के इलाकों में तलाशी अभियान जारी है.