पूर्व न्यायाधीश और नौकरशाहों समेत 260 से अधिक प्रतिष्ठित नागरिकों ने प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर उनसे ‘सनातन धर्म’ को नष्ट करने वाली द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया और इसे ‘‘नफरत फैलाने वाला भाषण’’ बताया. सीजेआई को पत्र लिखने वालों में दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस एन ढींगरा भी शामिल हैं. पत्र में कहा गया है कि उदयनिधि स्टालिन ने न केवल नफरत फैलाने वाला भाषण दिया, बल्कि उन्होंने अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगने से भी इनकार कर दिया.
कई प्रतिष्ठित लोगों ने लिखा पत्र
यह पत्र 14 सेवानिवृत्त न्यायाधीश और 130 पूर्व नौकरशाहों के साथ साथ सशस्त्र बलों के 118 पूर्व अधिकारियों समेत 262 लोगों ने लिखा है. इसमें कहा गया है कि पत्र में हस्ताक्षर करने वाले लोग स्टालिन द्वारा की गयी टिप्पणियों से बहुत चिंतित हैं और ये टिप्पणियां निर्विवाद रूप से भारत की एक बड़ी आबादी के खिलाफ ‘‘नफ़रत फैलाने वाले भाषण’’ के बराबर हैं तथा भारत के संविधान की मूल भावना पर प्रहार करती हैं जिसमें भारत की एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में परिकल्पना की गयी है.
सुप्रीम कोर्ट से कदम उठाने की अपील
पत्र में कहा गया है कि देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र की रक्षा करने के लिए इस पर कदम उठाने की जरूरत है. इसमें कहा गया है कि बेहद गंभीर मुद्दों पर कदम उठाने को लेकर प्रशासन की ओर से किसी तरह का विलंब अदालत की अवमानना को आमंत्रित करेगा. पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है और अदालत के आदेश की कथित अवमानना का काम किया और कानून के शासन को कमजोर कर दिया है या यूं कहें कि इसका मजाक बना दिया है.
पूर्व जज, पूर्व रॉ प्रमुख और विदेश सचिवों ने लिखा पत्र
इसमें कहा गया है, हम उच्चतम न्यायालय से अवमानना पर स्वत: संज्ञान लेने, तमिलनाडु सरकार द्वारा कार्रवाई न किए जाने के लिए उसे जवाबदेह ठहराने और घृणा भाषण को रोकने, सार्वजनिक व्यवस्था एवं शांति बनाए रखने के लिए निर्णायक कदम उठाने का अनुरोध करते हैं और हम आपसे तत्काल उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं. पत्र में कहा गया है, हम उम्मीद करते हैं कि हमारी याचिका पर विचार किया जाएगा और हम न्याय तथा कानून का शासन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपाय करने का अनुरोध करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दिया गया हवाला
इस पत्र में उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला दिया गया है जिसमें उसने प्राधिकारियों से नफरत फैलाने वाले भाषण के मामलों में कोई शिकायत दर्ज किए जाने का इंतजार किए बगैर स्वत: कार्रवाई करने को कहा था. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ की शनिवार को चेन्नई में हुई एक बैठक को संबोधित करते हुए ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू के बुखार से की थी और कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इन्हें नष्ट कर देना चाहिए. इस बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद भी उदयनिधि अपने बयान पर अड़े रहे और कहा कि वह सभी धर्मों में जातिगत भेदभाव के खिलाफ बोलना जारी रखेंगे.
तमिलनाडु सरकार ने नहीं की कार्रवाई
पत्र में कहा गया है कि कानून के शासन को कमजोर किया गया जब तमिलनाडु सरकार ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय उनकी टिप्पणियों को उचित ठहराया. इस पत्र के अनुसार, शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में भारत के उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जब तक विभिन्न धार्मिक समुदाय सद्भाव से रहने में सक्षम नहीं होंगे तब तक भाईचारा नहीं हो सकता. पत्र में कहा गया है, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने देश में नफ़रत फैलाने वाले भाषण की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जतायी है और सरकारों तथा पुलिस प्राधिकारियों को औपचारिक शिकायतें दर्ज किए जाने का इंतजार किए बगैर ऐसे मामलों में स्वत: कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
शाहीन अब्दुल्ला मामले में उच्चतम न्ययालय ने कहा था कि भारत का संविधान एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की परिकल्पना करता है और उसने राज्य सरकारों को नफ़रत फैलाने वाले भाषण पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसमें कहा गया है, अत: मामले स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज किए जाने चाहिए और अपराधियों पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए. दिशा निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करने में किसी भी तरह की हिचकिचाहट को अदालत की अवमानना के रूप में देखा जाएगा.
Agni Prime Missile : पहली बार रेल लॉन्चर से परीक्षण, मिसाइल भेद सकती है 2,000 किलोमीटर तक के टारगेट को
Watch Video: पानी में डूबे घर, टूटी सड़कें, उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही का नया वीडियो आया सामने
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में कुदरत का कहर, अब तक 4 की मौत, सीएम धामी ने नुकसान का लिया जायजा
Heavy Rain Warning: अगले 3 से 4 घंटों के दौरान हिमाचल में भयंकर बारिश की संभावना, IMD अलर्ट जारी