ULPGM-V3: भारत की ताकत से कांप उठेंगे दुश्मन, सफल रहा मिसाइल का परीक्षण
ULPGM-V3: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता हासिल की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि DRDO ने यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिशन गाइडेड मिसाइल (ULPGM)-V3 का हवाई परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. यह उपलब्धि भारत के रक्षा तकनीक को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी.
By Anjali Pandey | July 25, 2025 12:29 PM
ULPGM-V3: भारत अपनी रक्षा उद्योग में लगातार नई तकनीकों को उजागर कर रहा है. रक्षा क्षेत्र में विकास की ओर कदम बढ़ाते हुए भारत ने एक ही महीने में दूसरी बार सफलतापूर्वक मिसाइल परीक्षण को अंजाम दिया है. भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक महत्वपूर्ण मिसाइल, यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिशन गाइडेड मिसाइल (ULPGM)-V3 का हवाई परीक्षण किया है. इस परीक्षण को आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में किया गया. इससे पहले भारत ने 16 और 17 जुलाई के बीच तीन घातक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया था, जिनमें अग्नि-1, पृथ्वी-2 और आकाश प्राइम शामिल थे.
In a major boost to India’s defence capabilities, @DRDO_India has successfully carried out flight trials of UAV Launched Precision Guided Missile (ULPGM)-V3 in the National Open Area Range (NOAR), test range in Kurnool, Andhra Pradesh.
ULPGM-V3 दिन की रोशनी में 4 किमी और रात में 2.5 किमी की रेंज के साथ आता है. यह मिसाइल स्थिर और गतिमान लक्ष्यों को भी मार गिराने की क्षमता रखता है. यह सटीक हमले करने में माहिर है और कम से कम मानवीय हस्तक्षेप के साथ काम करता है. इस मिसाइल को DRDO ने DcPPs, MSMEs और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर विकसित किया है.
राजनाथ सिंह ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अपने एक्स अकाउंट में पोस्ट कर भारतीय रक्षा उद्योग को बधाई दी है. उन्होंने अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), इंडस्ट्री पार्टनर्स और स्टार्टअप्स को ULPGM-V3 के विकास और उसके सफल परीक्षण का श्रेय देते हुए लिखा है कि “यह सफलता साबित करती है कि भारतीय उद्योग अब महत्वपूर्ण रक्षा तकनीकों को अपनाने और उनका उत्पादन करने के लिए तैयार है.”
अग्नि-1, पृथ्वी-2 और आकाश प्राइम भी सुरक्षा के लिए तैनात
भारत ने 16 और 17 जुलाई के बीच तीन स्वदेशी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया था, जिनमें अग्नि-1, पृथ्वी-2 और आकाश प्राइम शामिल थे. ये सभी मिसाइलें भी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई हैं. अब इन मिसाइलों के साथ ULPGM-V3 को भी भारतीय रक्षा प्रणाली में शामिल कर देश की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया जाएगा.