Home Badi Khabar Health Budget 2021 : भारत में निर्मित न्यूमोकोल वैक्सीन के प्रयोग से अब हर साल बचेगी 50,000 बच्चों की जिंदगी, जानें सरकार का प्लान

Health Budget 2021 : भारत में निर्मित न्यूमोकोल वैक्सीन के प्रयोग से अब हर साल बचेगी 50,000 बच्चों की जिंदगी, जानें सरकार का प्लान

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Health Budget 2021 : भारत में निर्मित न्यूमोकोल वैक्सीन के प्रयोग से अब हर साल बचेगी 50,000 बच्चों की जिंदगी, जानें सरकार का प्लान

Health Sector, Budget 20201 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी से संबंधित राहत कदमों के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में खर्च 34.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. जबकि, पिछले साल बजट में 30.42 लाख करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया था. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में बाल मृत्यु को रोकने का प्रयास है और भारत में निर्मित न्यूमोकोल वैक्सीन के प्रयोग से हर साल 50 हजार बाल मृत्यु को रोका जा सकेगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इस वैक्सीन का प्रयोग सिर्फ पांच राज्यों तक ही सीमित है. वहीं, आने वाले दिनों में इसका प्रयोग देश के अन्य राज्यों में भी किया जाएगा.

बताया जाता है कि न्यूमोकोकल बीमारियों की रोकथाम के लिये पीसीवी 13 टीके लगाये जाते हैं. न्यूमोकोकल कान्जुगेट वैक्सीन पीवीसी 13 से बच्चों और व्यस्कों दोनों को बचाने का काम किया जाता है. आने वाले समय में सरकार अब न्यूमोकोल वैक्सीन का प्रसार तेजी से करेगी. न्यूमोकोकल रोग जीवाणुओं द्वारा फैलता है और नजदीकी संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यह तेजी से फैलता है. न्यूमोकोकल न्यूमोनिया व्यस्कों में अधिक पाया जाता है. न्यूमोकोकल मैनिन्जाइटिस बहरापन और मस्तिष्क को ज्याद हानि पहुंचाता है. बताया जाता है कि न्यूमोकोकल रोग किसी को भी हो सकता है.

वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा एलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे पास दो वैक्सीन हैं. साथ ही दो और वैक्सीन भी जल्द ही आने वाली है. वित्त मंत्री की इस घोषणा से देश में कोरोना के टीकाकरण कार्यक्रम में और तेजी से आ पाएगी. देश में फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन उपलब्ध हैं. इन दोनो वैक्सीन से देश में टीकाकरण किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि भारत में गत 16 जनवरी को कोरोना के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी. सरकार के मुताबिक, सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी. बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके कोवैक्सीन को देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी गयी है.

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