कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अपना बलिदान देने वाले सभी जवानों को पूरे देश और सरकार की ओर से श्रद्धांजलि देता हूं.
इस बैठक में डीजीपी और आईजीपी स्तर के देश के करीब 350 शीर्ष अधिकारी इस बैठक में हिस्सा लेंगे. बताजा जा रहा है कि बैठक में खालिस्तानी चरमपंथियों से खतरा, अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद चुनौतियों, क्रिप्टो करेंसी, माओवादी हिंसा और पूर्वोत्तर में उग्रवाद के मुद्दे पर चर्चा किए जाने की संभावना है.
यह वार्षिक बैठक 2013 तक नयी दिल्ली में होती थी. हालांकि, अगले साल जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी से बाहर आयोजित की जाने लगी. वर्ष 2014 में यह बैठक गुवाहाटी में, 2015 में कच्छ के रण में, 2016 में हैदराबाद की राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में, 2017 में टेकनपुर में बीएसएफ अकादमी में, 2019 में पुणे में और 2020 में कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन माध्यम से और 2021 में लखनऊ में हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई थी.
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