तकनीकी दौर में हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझे : डीजी सूचना बंशीधर तिवारी

Uttarakhand News: देहरादून में राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यशाला में महानिदेशक सूचना एवं एम.डी.डी.ए. के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में भी मानवता और जिम्मेदारी को बनाए रखना बेहद जरूरी है.

By Ayush Raj Dwivedi | April 22, 2025 9:53 AM
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Uttarakhand News: महानिदेशक सूचना एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी ने कहा कि एआई के दौर में भी मानवता को बनाए रखना जरूरी है. आज के तकनीकी दौर में हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझे. राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर सोमवार को देहरादून में पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के देहरादून चैप्टर द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना एवं उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. श्री बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, बद्रीकेदार मंदिर समिति के सी.ई.ओ. श्री विजय थपलियाल, अध्यक्ष पी.आर.एस.आई. देहरादून चैप्टर रवि विजारनिया द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया.

मुख्य अतिथि श्री बंशीधर तिवारी, महानिदेशक सूचना/उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज के तकनीकी दौर में हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझे. उन्होंने कहा कि ए.आई. तकनीक का वर्तमान समय में जिस प्रकार से तेजी से विकास हो रहा है, उसमें हम सभी की जिम्मेदारी बन जाती है कि हम मनुष्यता की भावना को सर्वोपरि रखे. ए.आई. तकनीक के उपयोग से समय की बचत होती है. उस समय का उपयोग हम किस प्रकार से करते है, यह भी हम सभी को समझना होगा. सोशल मीडिया के साथ-साथ परिवार एवं समाज से भी जुड़े रहे.

किसी भी प्रकार की सूचना को आगे बढ़ाने या भेजने से पहले एक बार विचार अवश्य करना होगा कि सूचना सही है या गलत. कोई भी गलत सूचना एक बार प्रसारित हो जाती है, तो उसका प्रभाव व्यक्ति एवं समाज दोनो पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि ए.आई. से कंटेट बनाया जा सकता है, लेकिन उसमें स्वयं के विचारों और अनुभवों का समावेश भी जरूरी है. ए.आई. का जिम्मेदारी के साथ उपयोग, हम सभी का कर्तव्य है और इस बारे में अधिक से अधिक जागरूकता की आवश्यकता है.

कार्यक्रम में विशेष अतिथि संयुक्त निदेशक, सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि जब भी नई तकनीक आती है, तो उसकी अपनी चुनौतियां होती है साथ ही नये अवसर और नई संभावनाएं भी बनती हैं. आज जब सभी जगह ए.आई. की होड सी लगी है. तब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ए.आई. का किस सीमा तक उपयोग किया जाय. हमें यह भी सोचना होगा कि हम पूरी तरह से ए.आई. पर ही निर्भर न हो जाय, हमें अपनी क्षमता को बनाये रखना है. जनसंपर्क के क्षेत्र में ए.आई. केवल सहयोगी की भूमिका तक ही सीमित रहे. ए.आई. से होने वाले लाभ एवं दुष्परिणाम के संबंध में जनजागरूकता करने की आवश्यकता है.

बदरी केदार मंदिर समिति के सी.ई.ओ. श्री विजय थपलियाल ने कहा कि ए.आई. के दौर में हम ए.आई. से सभी कुछ प्राप्त कर सकते है, लेकिन इमोशन नही. इमोशन केवल मनुष्य के पास ही है। उन्होंने कहा कि हमे ए.आई. तकनीक को वरदान या चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा.

कार्यशाला में तकनीकी विषय विशेषज्ञ के रूप में श्री आकाश शर्मा ने ‘‘जनसंपर्क में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार उपयोग” विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया. उन्होंने कहा कि ए.आई. हमारा स्थान नहीं ले रहा है, बल्कि हमारे कार्य को अधिक प्रभावशाली बना रहा है. जनसंपर्क लोगों का काम है और ए.आई. सिर्फ उसे तेज और सटीक बनाने में हमारी मदद करता है.

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