निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के बाहर आने का इंतजार सभी को है. श्रमिकों के सुरक्षित बाहर आने के लिए लोग दुआएं कर रहे हैं. 12 नवंबर को हुए इस हादसे के बाद वहां पर लगातार राहत बचाव कार्य जारी है. बचाव कार्य में लगी एजेंसियां हर उस एंगल पर काम करने का प्रयास कर रही है जिससे मजदूरों को जल्द से जल्द सुरंग के बाहर लाया जा सके.
#WATCH | उत्तरकाशी(उत्तराखंड) सुरंग बचाव | माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, "… ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है… मैन्युअल ड्रिलिंग संभवत: 3 घंटे बाद शुरू होगी… हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है। यह काम जमीन के व्यवहार पर निर्भर करता है। जल्दी भी… pic.twitter.com/Acjrcz8s9Y
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2023
इस बीच माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने जो बात कही है उससे उम्मीदों को बल मिला है. उन्होंने कहा है कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है… मैन्युअल ड्रिलिंग संभवत: 3 घंटे बाद शुरू होगी… हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है. यह काम जमीन के व्यवहार पर निर्भर करता है. जल्दी भी हो सकता है और थोड़ा लंबा भी हो सकता है…हमें विश्वास है कि हम इससे सफलता पूर्वक पूरा कर लेंगे.
सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए ऑप्शनल रास्ता तैयार किया गया. इसके लिए सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ‘ड्रिलिंग’ शुरू की गयी है. रविवार को करीब 20 मीटर खुदाई करने में सफलता प्राप्त हुई है. पिछले दो सप्ताह से फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंसे अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष हिस्सों को भी आज निकालने में सफलता मिली है. फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब हाथ से ड्रिलिंग करने का काम किया जाएगा.
बचाव कार्य में लगी ऐजेंसिंयों का कहना था कि मलबे में हाथ से ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डालने के लिए ऑगर मशीन के सभी हिस्सों को पहले बाहर निकाला जाना जरूरी था. बताया जा रहा है कि सुरंग में करीब 60 मीटर में मलबा फैला हुआ है. मलबे को भेदकर श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अब 10-12 मीटर की ड्रिलिंग करना अभी बाकी है.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा घटनास्थल पर चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए सोमवार को सिलक्यारा पहुंचे और हालात का जायजा लिया. सिलक्यारा स्थल पर मौजूद बीआरओ के पूर्व डीजी हरपाल सिंह ने कहा कि 31 मीटर तक वर्टिकल ‘ड्रिलिंग’ कर ली गई है.
आपको बता दें कि सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. मजदूरों तक छह इंच की पाइपलाइन के जरिए खाना,पानी, दवाइयां तथा अन्य जरूरी सामान भेजाने का काम किया जा रहा है. सोमवार को दस दिन का खाना श्रमिकों तक पहुंचाया गया है.
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