तबलीगी जमात के दो सदस्यों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज, कोरोना जांच से बचने के लिए जानबूझकर छिपे थे
भारत में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है जिसने केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच तबलीगी जमात को लेकर केंद्र से राज्य सरकारों तक का रुख कड़ा होता जा रहा है.
By Utpal Kant | April 8, 2020 12:23 PM
उत्तराखंड के हरिद्वार में कोरोना वायरस की जांच से कथित तौर पर बचने का प्रयास कर रहे तबलीगी जमात के दो सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है. डीजीपी (कानून व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा कि तबलीगी जमात के दो सदस्य हाल ही में राजस्थान के अलवर से लौटे थे. वे जांच से बचने के लिए जानबूझकर छिपे हुए थे. अधिकारी ने कहा, उनके दोस्त में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है. प्रशासन द्वारा बार-बार अपील करने और चेतावनी देने के बावजूद जांच कराने से बचने के लिए वे छिप रहे थे. इस कारण उन्होंने अपना और दूसरों का जीवन भी खतरे में डाल दिया. डीजीपी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की मदद से उनका पता लगाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
बता दें कि भारत में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है जिसने केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच तबलीगी जमात को लेकर केंद्र से राज्य सरकारों तक का रुख कड़ा होता जा रहा है. केंद्र सरकार के बयान के अनुसार पांच हजार से पॉजिटिव केस में से 1445 मामले का संबंध तबलीगी जमात से है. देशभर के करीब 9000 लोगों ने मरकज के धार्मिक सभा में भाग लिया था. इधर, पंजाब सहित कई राज्यों की सरकार ने पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए उन सभी लोगों से 24 घंटे के अंदर प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित करने को कहा है जो राज्य में लौटने के बाद छिप कर रह रहे हैं. ऐसा नहीं करने पर उन लोगों को आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.
तबलीगी जमात पर पुलिस के हाथ खाली
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज के तबलीगी जमात को लेकर जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हाथ अब तक खाली हैं. मरकज के मुखिया मौलाना साद और उनके करीबी समर्थकों की मौजूदा लोकेशन से जांच एजेंसी अनजान है. जांच की अगुवाई कर रहे डीसीपी और एसीपी मंगलवार को निजामुद्दीन थाने पहुंचे. करीब डेढ़ घंटे वहां तफ्तीश को लेकर चर्चा करते रहे. मौलाना को अब तक दो नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन सवालों के जवाब अब तक क्राइम ब्रांच को नहीं मिले हैं. इस दौरान जांच एजेंसी ने राजधानी के विभिन्न क्वारंटीन होम और अस्पतालों में भर्ती जमातियों की लिस्ट तैयार की है. वह कोरेंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद इनसे पूछताछ करेगी.