Viral Video: लड़की ने अनिरुद्धाचार्य से कहा- मुझे आपके पास रहना है, फिर क्या हुआ? देखें वीडियो
Viral Video: एक लड़की बाबा के आश्रम में रहने की जिद करने लगी, लेकिन बाबा के मजेदार जवाब ने सबको हंसा दिया. सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
By Aman Kumar Pandey | March 6, 2025 11:44 AM
Viral Video: भारत में लंबे समय से कई धर्मगुरु और संत मौजूद रहे हैं. पहले के समय में कई कथित बाबा बिना किसी ठोस आधार के लोगों को भ्रमित करने और अपने निजी स्वार्थ के लिए अंधविश्वास फैलाने का काम करते थे. ऐसे ढोंगी बाबाओं का प्रभाव इतना बढ़ गया था कि लोग इनके झांसे में आकर बिना किसी तर्क-वितर्क के उनकी बातों को मान लेते थे. लेकिन जैसे-जैसे समाज में जागरूकता बढ़ी, वैसे-वैसे इन पाखंडी बाबाओं की पोल खुलने लगी और इनका धंधा चौपट होने लगा. अब लोग ऐसे गुरुओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं जो बिना किसी आडंबर के सीधे और स्पष्ट तरीके से जवाब देते हैं.
आज के समय में, जहां पहले धर्मगुरु अपनी बातों को घुमा-फिराकर रखते थे, वहीं अब लोग उन संतों को ज्यादा पसंद करने लगे हैं जो सीधे मुद्दे की बात करते हैं. ऐसे धर्मगुरु किसी चमत्कार या अंधविश्वास का सहारा नहीं लेते, बल्कि वे व्यावहारिक और तार्किक तरीके से लोगों की समस्याओं का समाधान देते हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे कई बाबाओं के वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिनमें प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्धाचार्य जी का नाम काफी चर्चित है. उनके विचारों और स्पष्ट बातों को लोग खूब पसंद करते हैं.
हाल ही में अनिरुद्धाचार्य जी का एक वीडियो काफी वायरल हुआ, जिसमें एक लड़की उनसे अपनी मन की बात कहती नजर आ रही है. लड़की ने बताया कि वह पिछले तीन-चार दिनों से आश्रम में रह रही है और अब वापस नहीं जाना चाहती. उसने बाबा से आग्रह किया कि वह उनके ही पास रहना चाहती है. इस पर बाबा ने बिना किसी लाग-लपेट के जवाब दिया, जिसे सुनकर वहां मौजूद लोग हंस पड़े.
अनिरुद्धाचार्य जी ने हंसते हुए जवाब दिया कि निश्चित ही इस लड़की की मां उससे घर का काम करवाती होगी, इसी वजह से वह घर जाने से बचना चाहती है. बाबा का यह व्यावहारिक और मजाकिया अंदाज लोगों को खूब पसंद आया. सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खूब सराहा गया, और कई यूजर्स ने कमेंट करते हुए कहा कि घर के काम से बचने के लिए लड़की आश्रम में रहना चाहती होगी.
बाबा के इस स्पष्ट और व्यावहारिक जवाब को सुनकर लोग हंसी से लोटपोट हो गए. इससे यह भी साफ होता है कि अब लोग बिना तर्क-वितर्क के किसी भी बात को स्वीकार करने के बजाय तर्कसंगत और सीधी-सपाट बातों को अधिक महत्व देने लगे हैं.