Watch Video : लोकसभा में आग बबूला हुए असदुद्दीन ओवैसी, वक्फ विधेयक के मसौदे की प्रति फाड़ी

Watch Video : एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में वक्फ विधेयक के मसौदे की प्रति फाड़ दी. सदन में वे नाराज नजर आए. उन्होंने कहा कि मैंने कुछ सुधार करने को कहा है. स्पीकर की ओर इशारा करते हुए ओवैसी ने कहा कि मेरे आग्रह को स्वीकार किया जाए.

By Amitabh Kumar | April 3, 2025 7:51 AM
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Watch Video : एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार रात को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का विरोध करते हुए इसके मसौदे की प्रति फाड़ दी. सदन में विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने कहा कि यह भारत के ईमान पर हमला है और मुसलमानों को अपमानित करने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘इस विधेयक को लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह के खिलाफ जंग छेड़ दी है.’’ देखें वीडियो

असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक का कड़ा विरोध किया. उन्होंने इस विधेयक की प्रति को फाड़ते हुए इसे असंवैधानिक और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया. लोकसभा में वे गुस्से में नजर आए. ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है. इसके जरिए मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है. यह अनुच्छेद समानता के अधिकार की गारंटी देता है.

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मंदिरों और मस्जिदों के नाम पर समाज में होगा विभाजन : ओवैसी

ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह मंदिरों और मस्जिदों के नाम पर समाज में विभाजन पैदा करना चाहती है. उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ते हुए इसे अस्वीकार कर दिया. एआईएमआईएम सांसद कहा कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ है. इस विधेयक को लेकर संसद में तीखी बहस हुई, जिसमें विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया, जबकि सरकार का कहना है कि यह वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए जरूरी है.

असंवैधानिक जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए : किरेन रिजिजू

लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मैं सभी नेताओं को बिल के बारे में अपने विचार रखने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. कुछ नेता कह रहे हैं कि बिल असंवैधानिक है, और मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे कैसे कह सकते हैं कि बिल असंवैधानिक है. अगर यह असंवैधानिक था, तो अदालत ने इसे रद्द क्यों नहीं किया? असंवैधानिक जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. बिल संविधान के खिलाफ नहीं है.”

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