झारखंड, बिहार, बंगाल, दिल्ली समेत कई राज्यों में आज बारिश की संभावना है. साथ ही कई राज्यों से मानसून अपने वापसी के लिए गुजरेगा. वहीं जम्मू के क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखेगा तो हरियाणा में चक्रवात का प्रभाव नजर आ सकता है. इन तमाम खबरों की जानकारी आइए जानते है विस्तार से…
सबसे पहले अगर बात करें अगले 24 घंटों के मौसम के हाल की तो पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों के ऊपरी इलाकों में छिटपुट बर्फबारी संभव है.
वहीं, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ छिटपुट ओलावृष्टि संभव है. लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तटीय कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की दो मध्यम बारिश और कुछ भारी बारिश संभव है.
साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, बिहार, उत्तरी मध्य प्रदेश और गोवा में हल्की बारिश संभव है. झारखंड, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है.
बिहार में मॉनसून की विदाई हो चुकी है. इसके बाद मौसम में बदलाव सामने आया है. यहां मौसम सुहाना हो चुका है. मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. मुजफ्फरपुर में पिछले 24 घंटे में तापमान 1.7 डिग्री नीचे की ओर लुढ़का है.
स्काईमेटवेदर के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटे दौरान बिहार के शेष हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूरे पूर्वोत्तर भारत, आंध्र प्रदेश के कुछ और हिस्सों, तेलंगाना, उत्तर के कुछ और हिस्सों और मध्य बंगाल की खाड़ी से मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अब अनुकूल हैं.
वहीं, जानकारी यह भी मिल रही है कि पश्चिमी विक्षोभ का असर जम्मू क्षेत्र और इससे सटे पाकिस्तान के हिस्सों पर है. जबकि, प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों पर है. जिसका प्रभाव आज आसपास के इलाकों में जैसे चंडीगढ़ और पंजाब और हरियाणा से सटे इलाकों में देखा जा सकता है.
दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण औसत स्तर से 3.1 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिणपूर्व और इससे सटे पूर्वी मध्य अरब सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है.
इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने और 21 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक डिप्रेशन के रूप में तीव्र होने की संभावना है.
हिमाचल प्रदेश के आदिवासी और ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में मंगलवार दोपहर तीन बजे तक समाप्त हुई पिछले 24 घंटे की अवधि के दौरान सामान्य बर्फबारी हुई जबकि शिमला जिले के नारकंडा और खड़ापत्थर में इस महीने की पहली बर्फबारी देखने को मिली.
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