Weather Update : मानसून के दौरान भारी बारिश की वजह से देश के कई राज्यों की हालत खराब है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मध्य प्रदेश में अगले 24 घंटों में भारी से अति भारी वर्षा होने के पूर्वानुमान के बाद विभिन्न क्षत्रों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किए. यूपी में दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने कहर मचाया जिससे 21 लोगों की जान चली गई.
इधर देश में इस वर्ष मॉनसून लंबे समय तक बना रह सकता हैं, क्योंकि सितंबर के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है. निचले क्षोभ मंडल में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण होता है और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अगले दस दिनों तक उत्तर भारत से मॉनसून की वापसी के संकेत नहीं दिख रहे हैं. आईएमडी ने एक बयान में कहा कि 23-29 सितंबर के सप्ताह की समाप्ति से पहले उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से मॉनसून की वापसी की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना नहीं है. आईएमडी ने पिछले वर्ष भी उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी की तारीख संशोधित की थी. पिछले कुछ वर्षों से मॉनसून की वापसी में विलंब होने के रूख को देखते हुए यह किया गया था.
दक्षिण पश्चिम मॉनसून पहले राजस्थान से वापस होना शुरू होता है. संशोधित तिथि के अनुसार, यह 17 सितंबर से जैसलमेर से वापस होना शुरू होता है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने 2017, 2018, 2019 और 2020 में विलंब से वापसी शुरू की. मॉनसून के विलंब से वापस जाने का मतलब होता है कि ठंड भी देर से पड़ती है. आधिकारिक रूप से दक्षिण पश्चिम मॉनसून एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक रहता है.
मध्य प्रदेश में भारी वर्षा की आशंका
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मध्य प्रदेश में अगले 24 घंटों में भारी से अति भारी वर्षा होने के पूर्वानुमान के बाद विभिन्न क्षत्रों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किए. आईएमडी भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पी. के. साहा ने बताया कि उत्तरी मध्य प्रदेश के तीन जिलों दतिया, भिण्ड एवं मुरैना में आगामी 24 घंटों में भारी से अति भारी वर्षा के अनुमान के मद्देनजर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान इन जिलों में 64.5 से 204.4 मिलीमीटर तक बारिश होने का अनुमान है.
साहा ने बताया कि इसके अलावा, प्रदेश के 28 जिलों रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, शहडोल, डिंडोरी, बालाघाट, सागर, छत्तरपुर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी, शिवपुरी, अशोकनगर, ग्वालियर, श्योपुर, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, होशंगाबाद, बैतूल, खरगोन, शाजापुर, आगर मालवा एवं मंदसौर में आगामी 24 घंटों में भारी वर्षा होने के अनुमान के मद्देनजर यलो अलर्ट जारी किया गया है.
दिल्ली में मानसून मेहरबान : 1964 के बाद सबसे ज्यादा बारिश
इस साल मानसून के आने का इंतजार दिल्ली के लिए लंबा रहा लेकिन जब बादल बरसे तो झूम कर बरसे. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल बेहतर मॉनसून के कारण दिल्ली में दोपहर तक 1159.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो 1964 के बाद से सबसे अधिक और अब तक की तीसरी सर्वाधिक बारिश है. साथ ही, दिल्ली में सितंबर में हुई बारिश ने 400 मिमी के निशान को पार कर लिया है. बृहस्पतिवार दोपहर तक हुई 403 मिमी बारिश सितंबर 1944 में 417.3 मिमी के बाद से इस महीने में हुई सबसे अधिक वर्षा है. ये आंकड़े बदल सकते हैं क्योंकि आज दिन भर और बारिश होने का अनुमान है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar
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