क्या है ड्रैगन की मंशा! हिंद महासागर क्षेत्र में कर रहा पोतों की बड़ी तैनाती, चीन की हरकत पर भारत की कड़ी नजर

हिन्द महासागर में चीनी पोतों की तैनाती को देखते हुए भारत भी अपनी सुरक्षा बढ़ा रहा है. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी जहाजों की बड़ी तैनाती है और भारत समुद्री क्षेत्र में अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए क्षेत्र के घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है.

By Agency | April 30, 2023 8:40 AM
feature

अपनी सीमा विस्तार या हड़प नीति के कारण चीन का उन तमाम देशों से विवाद है जिसकी सीमा चीन से लगती है. दक्षिण सागर से लेकर हिन्द-प्रशांत के क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से दुनिया के देश सशंकित हैं. भारत से भी चीन की सीमा लगती है. ऐसे में चीन से का अक्सर भारत का टकराव होता रहता है. वहीं, चीन की नौसेना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और फ्रांस की नौसेनाओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने आपसी सहयोग को गहरा किया है. साथ ही भारत ने अपनी नौसेना को हिंद महासागर के उन क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने को कहा गया है जहां पर चीनी नौसेना से अक्सर उसका सामना होता है.

हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी पोतों की बड़ी मौजूदगी: गौरतलब है कि हिन्द महासागर में चीनी पोतों की तैनाती को देखते हुए भारत भी अपनी सुरक्षा बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बीते शनिवार को कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी जहाजों की बड़ी तैनाती है और भारत समुद्री क्षेत्र में अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए क्षेत्र के घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है. उन्होंने एक सम्मेलन में बातचीत के दौरान यह भी कहा कि भारतीय नौसेना पाकिस्तान में बंदरगाहों पर चीनी नौसेना के विभिन्न जहाजों के रुकने पर नजर रख रही है.

खतरे के पहलुओं के बारे में पूछे जाने पर, नौसेना प्रमुख ने पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह के खतरों के अलावा उभर रही समग्र स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना की भूमिका समुद्री क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की है, चाहे वे कहीं भी हों, और वह खतरों और चुनौतियों का आकलन करती है. इस बीच, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने दिल्ली में, ‘द चाणक्य कॉनक्लेव’ में ‘भारतीय वायुसेना: भविष्य अब है’ विषय पर एक अलग बातचीत में कहा कि भविष्य में इस पर कार्य किये जाने की जरूरत है कि जमीनी आक्रमण प्लेटफॉर्म के अलावा हमारे पास अंतरिक्ष आधारित आक्रमण प्रणाली भी हो.

उभरते सैन्य खतरों के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि यह ‘‘जवाबी हमला करने के समय को घटाने और विरोधियों पर बड़ा प्रभाव डालेगा, इसलिए भविष्य अंतरिक्ष आधारित आक्रमण प्लेटफॉर्म मौजूद होने पर निर्भर करता है. इस सत्र के बाद, नौसेना प्रमुख ‘21वीं सदी में भारतीय नौसेना उभरते समुद्री खतरों पर एक सत्र में हिस्सा लिया. नौसेना प्रमुख ने कहा कि आए दिन यह देखा जा रहा है कि समुद्र में कुछ न कुछ विवाद हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह टकराव के स्तर से काफी नीचे है, लेकिन टकराव की स्थिति बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

पाकिस्तान में बंदरगाहों पर चीनी नौसेना के जहाजों के रुकने के संबंध में एक सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये जहाज सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि विभिन्न देशों के बंदरगाहों पर लंगर डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तान के बंदरगाहों पर चीनी जहाजों के पहुंचने का सवाल है, हम इस पर नजर रख रहे हैं. एडमिरल कुमार ने कहा कि पाकिस्तानी नौसेना बहुत तेजी से आधुनिकीकरण कर रही है और वह अपने बेड़े में नए युद्धपोत जोड़ रही है.

Also Read: Mann ki Baat 100 Episode LIVE: पीएम मोदी आज 100वीं बार करेंगे मन की बात, बिल गेट्स ने दी बधाई

उन्होंने कहा कि जहां तक चीन की बात है, पिछले 10 वर्षों में उसके द्वारा बड़ी संख्या में जहाजों और पनडुब्बियों का जलावतरण किया गया है, उसका तीसरा विमानवाहक पोत निर्माणाधीन है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि चीन बहुत बड़े विध्वंसक पोत पर भी काम कर रहा है. नौसेना प्रमुख ने कहा, हम हिंद महासागर क्षेत्र में बहुत पैनी नजर रख रहे हैं. कोशिश यह जानने की है कि वहां किसकी मौजूदगी है और वे क्या कर रहे हैं, इसकी निरंतर निगरानी कर रहे हैं तथा हम विमान, ड्रोन, जहाज, पनडुब्बी तैनात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में चीनी जहाज मौजूद हैं. हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी समय चीन के तीन से छह युद्धपोत होते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version