क्या रबी और खरीफ के बारे में नहीं पता है पीएम मोदी को ? देखिए सोशल मीडिया पर पीएमओ का ट्वीट क्यों हो रहा ट्रोल

प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑफिशियल टि्वटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में किसानों की एमएसपी पर कितनी खरीद हुई इसका जिक्र था और साथ ही लिखा था इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपए MSP पर दिया गया है. पीएमओ के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर राजनीतिक पार्टियों में रबी फसल की श्रेणी में धान का नाम आने पर प्रतिक्रियाएं तेज हो गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2020 8:11 AM
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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑफिशियल टि्वटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में किसानों की एमएसपी पर कितनी खरीद हुई इसका जिक्र था और साथ ही लिखा था इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपए MSP पर दिया गया है. पीएमओ के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर राजनीतिक पार्टियों में रबी फसल की श्रेणी में धान का नाम आने पर प्रतिक्रियाएं तेज हो गयी.

रबि और खरीफ फसल समझिये

भारत में वे सभी फसलें जो सर्दी एवं वसंत ऋतू में होती है, उन्हें रबी की फसल कहा जाता है. यह अक्टूबर के अंत से मार्च या अप्रैल के बीच तक का समय होता है. रबी फसल की बुआई के समय कम तापमान और जब फसल तैयार होने लगता है तब शुष्क और गर्म वातावरण की जरुरत होती है. ज्यादातर अक्तूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं, रबि की फसल में – चावल, मक्का, ज्वार, मक्का, बाजरा, रागी (अनाज), अरहर (दालें), सोयाबीन, मूंगफली (तिलहन), कपास आदि

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खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं तथा सितम्बर अक्टूबर में इनकी कटाई होती है. फसलों को बोते समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता होती है. फसल तैयार होते – होते शुष्क वातावरण की जरुरत होती है. इसे उत्तर भात में जून-जुलाई में बोया जाता है. रीफ की फसल में – गेहूं, जौ, जई (अनाज), चना, मटर / दाल (दलहन), अलसी, सरसों (तिलहन) आदि.

अब विवाद क्या हो रहा है समझिये

प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्वीट पर रबि की फसल की श्रेणी में धान को रखे जाने पर पूरा विवाद है. इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया तो आ ही रही है साथ ही अलग- अलग राजनीतिक दलों ने इस ट्वीट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरना शुरू कर दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया.. जिस देश के प्रधानमंत्री को धान और गेहूँ का अंतर नहीं पता,रबी और खरीफ का अंतर नहीं पता, वो किसान का भला क्या ख़ाक करेगा! इसीलिए कहते हैं- ‘नीम हक़ीम ख़तरा-ए-जान’.

सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है ?

सोशल मीडिया पर पीएमओ के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर भी खूब प्रतिक्रिया मिल रही है. यहां तर्क भी है कटाक्ष भी. कुमार विक्रांत सिंह सीधे प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखते हैं- नरेंद्र मोदी जी लिखने वाले को बताइये कि, धान खरीफ की फसल में होता है रबी की फसल में नहीं. भूल सुधार कराइये.

एक ट्वीटर हैंडल से इस ट्वीट के समर्थन में प्रतिक्रिया दी जाती है, अगर तुम ढंग से किताबे पढ़ लेते तो बेरोजगार नहीं होते असम और पश्चिम बंगाल में रबी की सीजन में धान होता है. इस पर रबि और खरीफ फसल को लेकर एक लंबी बहस चलती है जिसमें कई लोग लिखते हैं परीक्षा में धान को रबि फसल में लिखेंगे तो चलेगा क्या ?

पूरे भारत की बात करनी चाहिए कुछ राज्यों की नहीं. इस पर जवाब आता है, ज्ञान देने से पहले थोड़ी रिसर्च कर लेनी चाहिए दस बीस साल पहले छपी किताबे के आधार पर ज्ञान नहीं देना चाहिए और दूसरा ऐसे सवाल परीक्षा में नहीं पूछे जाते जिनके एक से ज्यादा जवाब हो धान खरीफ सीजन के अलावा रबी और जायद में भी बोया जाता है. कुल मिलाकर धान किस श्रेणी में आता है इसे लेकर बहस तो चल रही है साथ ही धान को लेकर राजनीति भी शुरू है.

एक्सपर्ट की राय

इस चर्चा में एक ट्वीट और है जिसका जिक्र भी जरूरी है लेखिका औऱ पत्रकार मृणाल पांडे लिखती हैं, फ़सल और रबी और ख़रीफ़ यह शब्द फ़ारसी मूलक हैं. आमतौर से ये हिंदी उर्दू भाषी इलाके में ही इस्तेमाल होते हैं, जहां धान ख़रीफ़ की फ़सल है. बंगाल, पूर्वोत्तर या दक्षिण के अहिंदीभाषी इलाकों में एकाधिक बार उगाई जाने वाली धान की फ़सलों के नाम आपको स्थानीय भाषा में मिलेंगे.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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