ऑपरेशन सिंदूर’ का ‘लोगो’ किसने बनाया? सामने आए दो वीर जवान, देश को हुआ गर्व

Who designed the logo of Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का प्रेरणादायक लोगो भारतीय सेना के दो वीर जवानों, लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह ने तैयार किया. इस लोगो ने सेना के शौर्य और पराक्रम को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया. सेना की पत्रिका ‘बातचीत’ में दोनों को सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया गया है.

By Ayush Raj Dwivedi | May 28, 2025 8:52 AM
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Who Designee Logo of Operation Sindoor: भारत के बहादुर सैनिकों द्वारा पाकिस्तान में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करने वाली निर्णायक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब देशवासियों की जुबान पर है. लेकिन इस ऑपरेशन का साकारात्मक और प्रेरणादायक ‘लोगो’ किसने तैयार किया, यह जानना भी उतना ही रोचक है.

भारतीय सेना की आधिकारिक पत्रिका ‘बातचीत’ के नवीनतम संस्करण में खुलासा हुआ है कि यह लोगो लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह द्वारा डिजाइन किया गया था. इन दोनों सैन्यकर्मियों ने मिलकर एक ऐसा प्रतीक बनाया, जिसने सेना के पराक्रम और देश के गौरव को एक दृश्य पहचान दी.

सेना ने पत्रिका में लोगो के साथ साझा की दोनों जवानों की तस्वीरें

‘बातचीत’ के 17 पन्नों के विशेष संस्करण में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित पूरा पृष्ठ दिया गया है, जिसमें लोगो के साथ भारतीय सेना का प्रतीक भी छपा है। यही नहीं, सेना ने दोनों जांबाज़ों की तस्वीरें भी लोगो के साथ साझा कर उन्हें सम्मानित किया है.

22 अप्रैल का बदला, 6 मई को पाक में घुसकर तबाह किए 9 आतंकी ठिकाने

यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था. भारतीय सेना ने 6 मई की रात को पाकिस्तान और POK में घुसकर 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था. इसके तुरंत बाद सेना के सोशल मीडिया पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का पोस्टर और भावुक संदेश साझा किया गया, जो अब राष्ट्रभक्ति की एक पहचान बन चुका है.

एंटी-एयरक्राफ्ट गन से पाकिस्तानी टैंकों और ड्रोन को मार गिराया

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से आने वाले ड्रोन को मार गिराने के लिए सीमा सुरक्षा बल ने 12.7 मिमी की एंटी-एयरक्राफ्ट गन का इस्तेमाल किया. एक बीएसएफ कर्मी ने बताया, “यह दुश्मन के टैंकों, शिविरों और ड्रोन को नष्ट कर सकती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमने दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर दिया और उन्हें अपनी सीमा चौकियों को छोड़ने पर मजबूर कर दिया.”

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