USAID Controversy: भारत के अपमान पर चुप क्यों हैं मोदी और जयशंकर? कांग्रेस का भाजपा पर तीखा हमला

USAID Controversy: अमेरिका द्वारा यूएसएड मुद्दे पर भारत का नाम लिए जाने पर कांग्रेस ने भाजपा पर फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया. जयराम रमेश ने कहा कि 2.1 करोड़ डॉलर की अनुदान राशि भारत के लिए नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लिए थी. कांग्रेस ने मोदी और जयशंकर की चुप्पी पर सवाल उठाए.

By Aman Kumar Pandey | February 24, 2025 4:33 AM
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USAID Controversy: अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा बार-बार यूएसएड का मुद्दा उठाने और भारत का नाम लिए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका से फर्जी खबरें फैलाकर देश की छवि खराब कर रही है. रविवार को कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं, जबकि एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप बार-बार भारत का अपमान कर रहे हैं. भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा “झूठ और अनपढ़ों की बारात” बन चुकी है. उन्होंने कहा कि जिस 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अनुदान की बात भाजपा कर रही थी, वह खबर फर्जी साबित हो चुकी है. रमेश ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2022 में यह राशि भारत में “मतदान प्रतिशत बढ़ाने” के लिए नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लिए आवंटित की गई थी.

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रमेश ने आरोप लगाया कि एलन मस्क ने गलत जानकारी फैलाई, डोनाल्ड ट्रंप ने ढाका और दिल्ली के बीच भ्रम पैदा किया, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे और बढ़ाया, और फिर भाजपा के समर्थकों ने इस झूठ को और फैलाया. उन्होंने आगे कहा कि 16 फरवरी को जब ट्रंप प्रशासन के सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) ने कहा कि यूएसएड ने ‘भारत में मतदान’ के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान रद्द कर दिया है, तबसे भाजपा कांग्रेस पर मनगढ़ंत आरोप लगा रही है. लेकिन अब यह साफ हो गया है कि यह खबर पूरी तरह से गलत थी. जब पैसा भारत आया ही नहीं, तो उसका अनुदान रद्द होने का सवाल ही नहीं उठता.

कांग्रेस नेता ने बताया कि असल में डीओजीई की सूची में दो यूएसएड अनुदान थे, जिन्हें वाशिंगटन स्थित चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया सुदृढ़ीकरण समूह (सीईपीपीएस) के जरिए आवंटित किया गया था. अमेरिका ने इस समूह को 48.6 करोड़ डॉलर देने का निर्णय लिया था. रमेश ने यह भी दावा किया कि यूएसएड ने मोल्दोवा के लिए सीईपीपीएस को पहला अनुदान 2016 में दिया था, जिसका आईडी ‘एड117एलए1600001’ है. लेकिन भारत के लिए जो 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान बताया जा रहा था, वह पूरी तरह से फर्जी खबर थी, क्योंकि यह राशि वास्तव में बांग्लादेश के लिए थी. रमेश ने यह भी बताया कि बांग्लादेश के लिए आवंटित इस अनुदान में से 1.34 करोड़ अमेरिकी डॉलर जनवरी 2024 के चुनाव से पहले ही वहां पहुंच चुका था. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अमेरिकी संघीय खर्चों के अनुसार, 2008 के बाद से भारत में कोई भी यूएसएड वित्त पोषित सीईपीपीएस परियोजना नहीं आई है.

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कांग्रेस नेता ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए पूछा कि भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने भारत के लोकतंत्र को लेकर फर्जी खबरें क्यों फैलाईं? उन्होंने भाजपा पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा का अमेरिका से झूठी खबरें मंगवाकर कांग्रेस पर आरोप लगाना राष्ट्रद्रोह जैसा है.

रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर से जवाब मांगते हुए कहा कि जब डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क लगातार भारत का अपमान कर रहे हैं, तब भारत सरकार इस पर चुप क्यों है? उन्होंने सवाल उठाया कि कहीं ऐसा तो नहीं कि अदाणी समूह के लिए रहम की भीख मांगने के चक्कर में देश के आत्मसम्मान से समझौता कर लिया गया है?

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में चौथी बार यह दावा किया है कि जो बाइडन प्रशासन ने भारत को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता दी थी. कांग्रेस ने इस दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में ट्रंप से बात करने और इस झूठे आरोप का दृढ़ता से खंडन करने का आग्रह किया. कांग्रेस ने यह भी मांग की कि भारत को दी जाने वाली सभी विकास एजेंसियों, सहायता तंत्रों और बहुपक्षीय मंचों की धनराशि पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाए, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके.

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