President Election 2022: राष्ट्रपति का चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, उम्मीदवार अलग-अलग दलों से संपर्क साधने में जुटे हैं. विपक्षी दलों के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) गुरुवार को चेन्नई पहुंच गये. यहां वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मिलने पहुंचे. उन्होंने डीएमके के सांसदों और विधायकों से मुलाकात की और राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने की अपील की.
कनिमोझी ने की यशवंत सिन्हा की अगवानी
यशवंत सिन्हा केरल के त्रिवेंद्रम से चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे. चेन्नई एयरपोर्ट पर डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने यशवंत सिन्हा की अगवानी की. उनके साथ तमिलनाडु के मंत्री मा सुब्रमणियन और पीके सेकर बाबू भी मौजूद थे.
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1 जुलाई को रायपुर जायेंगे यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा एक जुलाई को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जायेंगे. अब तक का उनका यही कार्यक्रम है. बता दें कि भारत के राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होना है. उस दिन वोटिंग होगी. 21 जुलाई को मतगणना होगी. उसी दिन तय हो जायेगा कि भारत का राष्ट्रपति कौन बनेगा. द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा.
यशवंत के प्रचार के लिए विपक्ष ने बनायी है 11 सदस्यीय प्रचार समिति
कभी भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे यशवंत सिन्हा आज विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. भाजपा ने आदिवासी महिला नेता और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. यशवंत सिन्हा ने वर्ष 2018 में भाजपा छोड़ दी थी. विपक्षी दलों ने 11 सदस्यीय प्रचार कमेटी बनायी है. यह समिति पूरे देश भर में राजनीतिक दलों के साथ संपर्क करेगी और यशवंत सिन्हा के लिए वोट मांगेगी.
तृणमूल ने बनाया है यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार
बता दें कि यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने वाली तृणमूल कांग्रेस ने तय किया है कि उनके सांसद और विधायक पश्चिम बंगाल विधानसभा में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. वे वोट करने के लिए संसद नहीं जायेंगे. तृणमूल के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा है कि उनकी पार्टी के सभी सांसद और विधायक यशवंत सिन्हा के लिए वोट करेंगे.
विधानसभा में भी कर सकते हैं वोट
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि निर्वाचन आयोग ने विधायकों और सांसदों को इस बात की छूट दी है कि वे जहां चाहें वोट डाल सकते हैं. संसद और राज्यों की विधानसभाओं में वोटिंग की व्यवस्था की गयी है. अगर कोई सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में हैं और विधानसभा में वोट करना चाहते हैं, तो वो ऐसा कर सकते हैं. पहले भी यह व्यवस्था लागू थी.
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