संस्कृतियों के समावेश का उत्सव
II मनींद्र नाथ ठाकुर II एसोसिएट प्रोफेसर, जेएनयू manindrat@gmail.com भारतीय समाज का इतिहास इतना पुराना है कि पता नहीं कब कौन-सा त्योहार किस कारण से शुरू हुआ और धीरे-धीरे किस ओर बढ़ गया. समाजशास्त्रियों को इन त्योहारों का विश्लेषण करना चाहिए, क्योंकि इससे समाज के स्वरूप का, उसकी प्रकृति का और उसमें बदलाव का ज्ञान […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2018 7:06 AM