चुप हो गयी एक सत्याग्रही की आवाज

डॉ कृष्ण बिहारी मिश्र वरिष्ठ साहित्यकार मूल्यों की गिरावट की गति जितनी तेज नजर आती थी, अशोकजी की पीड़ा उतनी ही गहराती थी और एक अजीब विक्षेप उनके स्नायुतंत्र को छिन्न-भिन्न कर उन्हें बुरी तरह से थका देता था.. आठ दशक की लोकयात्र पूरी कर ली थी अशोकजी ने. यानी बुढ़ौती तो आ ही गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2015 5:29 AM
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