16.05.2014 और 10.02.2015 का महत्व
रविभूषण वरिष्ठ साहित्यकार तिथियां जनता बनाती है. बिगाड़ने का काम राजनीतिक दल करते हैं. इन दो तिथियों से राष्ट्रीय-क्षेत्रीय दलों को बहुत सीखने-समझने की जरूरत है. क्या सचमुच भाजपा सीखेगी? बिहार और झारखंड से ऐसा नहीं लगता. मात्र नौ महीने के भीतर दो तिथियों का ऐतिहासिक महत्व होना भारत के चुनावी इतिहास में अकेला उदाहरण […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2015 5:21 AM