भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम पर दोतरफा सहमति बनने के बाद भी सीमा के उस पार से भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने की जैसी कोशिश हुई, वे एक बार फिर पाकिस्तान की असलियत ही उजागर करती है. यह बार-बार प्रमाणित हुआ है कि गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता. पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम के उल्लंघन के दो तात्कालिक कारण रहे हो सकते हैं. एक तो इसके जरिये पाक सेना ने अपना वर्चस्व बताने की कोशिश की हो. दूसरे, पाकिस्तान को लगा कि इस आक्रामकता के जरिये वह भारत को नरमी बरतने के लिए मजबूर कर सकता है. लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि संघर्षविराम लागू होने के बावजूद, जिस पर आज शाम एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल, मिलिटरी ऑपरेशंस) की बातचीत होनी है, भारत द्वारा पहले लिये गये फैसले, जैसे सिंधु जल संधि पर रोक, अटारी चेकपोस्ट पर रोक, व्यापार प्रतिबंध,पाक कलाकारों और अभिनेताओं पर रोक, पाक नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं का निलंबन पहले की तरह जारी रहेंगे और एयरस्पेस भी बंद रखा जायेगा. भारत की तरफ से यह भी कह दिया गया है कि भविष्य में कोई आतंकवादी हमला हुआ, तो उसे भारत के खिलाफ युद्ध माना जायेगा.
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