बच्चों के खान-पान को सुरक्षित बनाया जाए

आज भारत में लगभग एक-तिहाई बच्चे बीमार और 10 प्रतिशत बच्चे डायबिटीक हो चुके हैं. ऐसे बच्चे जब बड़े होते हैं, तो कम उम्र में हार्ट अटैक, नपुंसकता, डायबिटीज और कैंसर जैसी समस्याओं का जोखिम बहुत बढ़ जाता है.

By डॉ अंशुमान | April 24, 2024 10:58 PM
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नवजात शिशुओं और बच्चों के खान-पान में चीनी की अधिक मात्रा की खबरें बेहद चिंताजनक हैं. लेकिन इस संबंध में बहुत समय से चेतावनी दी जा रही है. यहां चीनी (शुगर) का मतलब केवल वह सफेद चीनी नहीं है, जो हम आम तौर पर खाते हैं. यहां इसका अर्थ हर मीठी चीज से है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन खाद्य पदार्थों को एक विशेष श्रेणी में रखा गया है, जिनमें वसा, चीनी और नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है. ऐसा इसलिए करना पड़ा है क्योंकि दुनियाभर में जो पैक्ड फूड और ड्रिंक्स आ रहे हैं, बच्चों के खाने-पीने की वस्तुएं आ रही हैं, उनमें यही तीन चीजें अधिक हैं. खाने में मीठी लगने वाली हर चीज में किसी न किसी रूप में चीनी होती है. इसमें सबसे खतरनाक रूप है फ्रुक्टोज, जो फलों में होता है. ग्लूकोज उतना मीठा नहीं होता और यह हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक है, लेकिन शरीर इसे अपने-आप वसा, कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन से बना लेता है. बाहर से हम ग्लूकोज लें, यह जरूरी नहीं है. फ्रुक्टोज के कारण कोई भी चीज बहुत अधिक मीठी लगती है. जो फ्रुक्टोज तमाम तरह के सिरप में मिलाया जाता है, उसे आम तौर पर मक्के से बनाया जाता है. किसी भी उत्पाद में अगर लिखा हुआ है कि इसमें शुगर मिलाया गया है, तो वह फ्रुक्टोज ही होता है.

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