डाटा सुरक्षा जरूरी

यदि डाटा सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गयी, तो आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत बनाने के हमारे लक्ष्य को पूरा करना बहुत कठिन हो सकता है.

By संपादकीय | July 20, 2020 1:42 AM
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भारत का हमेशा से इस बात पर जोर रहा है कि देश के लोगों का डिजिटल डाटा देश का है और किसी भी स्थिति में इसका दुरुपयोग या बाहर ले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इस संबंध में एक प्रस्तावित कानून पर संसदीय समिति विचार कर रही है. इ-कॉमर्स और सोशल मीडिया कंपनियों को समय-समय पर इस बाबत निर्देश जारी होते रहते हैं. कुछ दिन पहले डाटा सुरक्षा के नियमों के उल्लंघन के कारण ही 59 चीनी एप पर पाबंदी लगायी गयी है तथा उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है. कानून एवं सूचना तकनीक मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने एक बार फिर साफ कहा है कि सरकार डाटा सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने सही ही रेखांकित किया है कि सरकारी कामकाज से लेकर न्यायिक व स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए समुचित सतर्कता की आवश्यकता है. इसमें इ-कॉमर्स की सेवाएं, इंटरनेट का आम उपयोग तथा सोशल मीडिया को भी जोड़ा जा सकता है, क्योंकि डिजिटल दुनिया का संजाल परस्पर जुड़ा हुआ है.

कुछ दिन पहले ट्विटर पर अनेक नामी लोगों और बड़ी कंपनियों के खातों की हैंकिग कर डिजिटल करेंसी के फर्जीवाड़े की कोशिश से भी यह साबित हुआ है कि डाटा सुरक्षा को लेकर किसी तरह की असावधानी बहुत नुकसान पहुंचा सकती है. भारत उन देशों में शामिल है, जो लगातार छोटे-बड़े हैकिंग के शिकार होते रहते हैं. चीन और पाकिस्तान के हैकरों ने सरकारी कार्यालयों और संस्थानों को निशाना बनाने के साथ हमारी बैंकिंग व्यवस्था में भी सेंध मारने का लगातार प्रयास किया है. भारत को अतिवाद और आतंकवाद से भी जूझना पड़ता है.

हिंसा के सहारे हमारे देश को अस्थिर करनेवाले गिरोह डाटा के विपुल भंडार से चोरी की जुगत लगा सकते हैं. चुनौती केवल इन देशों के हैकरों से नहीं है, बल्कि इनकी कंपनियों और एप से भी है. हमें यह याद रखना चाहिए कि वैश्विक मंच पर तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था, व्यापक बाजार तथा बड़ी संख्या में इंटरनेट उपभोक्ताओं का अनुचित लाभ उठाने का खतरा भी है. यदि डाटा सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गयी, तो आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत बनाने के हमारे लक्ष्य को पूरा करना बहुत कठिन हो सकता है.

यह मोर्चा कितना अहम है, यह इस तथ्य से समझा जा सकता है कि हैकर वित्तीय व्यवस्था को बाधित कर सकते हैं तथा वैज्ञानिक व रक्षा से जुड़ी सूचनाएं चुरा सकते हैं. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टीका व दवा बनाने के अनुसंधान में सेंधमारी भी इन दिनों चर्चा का विषय है. इस महामारी पर काबू पाने के उपायों की वजह से तकनीक पर हमारी निर्भरता भी बढ़ी है, सो डाटा और भी कीमती होता जा रहा है. सरकार ने इस संबंध में अब तक जो कदम उठाये हैं, वे सराहनीय हैं. चीनी एप के बरक्स दो सौ भारतीय एप का आना भी एक अच्छा परिणाम है.

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